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परिचय
इसमें कोई शक नहीं, कि भारत में इस वक़्त एसयूवी गाड़ियों की मांग सबसे अधिक है। यही कारण है, कि ज़्यादातर ब्रैंड्स का रुख़ एसयूवी गाड़ियों की तरफ़ मुड़ा है। इस कड़ी में टोयोटा का नाम ना सिर्फ़ भारत में, बल्कि विदेशों में भी काफ़ी चर्चा में है। यह मारुति सुज़ुकी विटारा ब्रेज़ा से काफ़ी मिलती-जुलती है और यह बलेनो पर आधारित टोयोटा ग्लैंज़ा की रीबैज वर्ज़न है, जो टोयोटा व मारुति गठबंधन की दूसरी गाड़ी है।
आइए जानते हैं, कि टोयोटा में ऐसे कौन-से फ़ीचर्स हैं, जो इसे बेहतर डील बनाते हैं और ऐसी कौन-सी बातें हैं, जो डील ब्रेकर बन सकती हैं।फ़ायदे
1) ड्राइव में बेहतर
बात करें इसके इंजन, कि तो इसमें पांच-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या ऑटोमैटिक ट्रैंस्मिशन विकल्प के साथ 1.5-लीटर का चार-सिलेंडर का नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन है, जिसमें 48V हाइब्रिड सिस्टम को शामिल किया गया है। इससे यह सिर्फ़ 11.69 सेकेंड्स में 0 से 100 किमी की दूरी तय कर सकती है, जिससे पता चलता है, कि इस गाड़ी की रफ़्तार इसकी टक्कर वाली दूसरी गाड़ियों से लगभग बराबर है।
इसमें शामिल नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन की मदद से ट्रैफ़िक में भी गाड़ी को आसानी से संचालित कर सकते हैं। इस एसयूवी गाड़ी की रेव (परिक्रमण) सीमा 2,500rpm से शुरू होकर 6500rpm तक है, जो काफ़ी बेहतर है। हाइवे पर भी यह बिना कोई देरी किए आराम से 70 से 80 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक पहुंच जाती है, जिससे सामने वाली गाड़ी को अगर ओवरटेक करने की सोच रहे हैं, तो इस स्पीड से बिना किसी परेशानी के ओवरटेक किया जा सकता है। यह एसयूवी 7.01 सेकेंड्स में 20 से 80 किमी की दूरी, वहीं 40 से 100 किमी की दूरी 8.94 सेकेंड्स में तय कर सकती है। वज़न में यह एसयूवी बहुत हल्की है। इसका वज़न 1,160 किग्रा है। ग्राहकों के लिए सबसे अच्छी बात है, कि एआरएआई-रेट के अनुसार, इसकी फ़्यूल क्षमता 18.76 किमी प्रति लीटर है, जो पेट्रोल ऑटोमैटिक एसयूवी के लिए बेहतर है। इन सभी आंकड़ों को देखते हुए यह कहा जा सकता है, कि इंजन स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम के साथ यह ड्राइविंग के लिए काफ़ी अनुकूल है।
2) ऑटोमैटिक की सुविधा
आज के दौर में हम हर दिन नई टेक्नोलॉजी से जुड़ना चाहते हैं और ऐसी टेक्नोलॉजी जहां मेहनत कम लगे और समय की बचत हो। ऐसा ही एक फ़ीचर है ऑटोमैटिक, जिससे क्लच पैडल व शिफ़्ट गियर्स को बिना प्रेस किए, सिर्फ़ थ्रॉटल, ब्रेकिंग और स्टीयरिंग पर पूरा ध्यान देते हुए ड्राइविंग का पूरा आनंद लिया जा सकता है। इसमें शामिल टॉर्क-कन्वर्टर ऑटोमैटिक काफ़ी तेज़ और सुविधाजनक है।
3) यात्रा के लिए सुलभ
हम हमेशा ऐसी गाड़ी चलाना पसंद करते हैं, जो हर तरह की सड़कों पर बिना किसी दिक़्क़त के आसानी से दौड़ सके और यह एसयूवी गाड़ी ग्राहकों की इस चाह पर बिल्कुल खरी उतरती है। इसमें शामिल सस्पेंशन हर तरह के झटके को बड़ी आसानी से आत्मसात कर लेती है। साथ ही इसमें मौजूद 198mm ग्राउंड क्लीयरेंस व 215/60 सेक्शन के 16-इंच अलॉय वील्स इस गाड़ी को हाई स्टांस देते हैं, जिससे सस्पेंशन को बेहतर तरीक़े से काम करने का मौक़ा मिल जाता है और ऐसे फ़ीचर्स होने के बाद यह हाइवे पर हमेशा तेज़ दौड़ती नज़र आएगी।
4) व्यवाहारिक केबिन
इस एसयूवी गाड़ी के केबिन को नए डिज़ाइन के साथ तैयार किया गया है। इसमें कीलेस (बिना चाबी के) एंट्री जैसे फ़ंक्शन को शामिल किया गया है। इस फ़ंक्शन से आप गाड़ी को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं। लॉक की पुष्टि करने के लिए आपको डबल चेक करने की आवश्यकता नहीं है, इसकी पुष्टि सिग्नल के द्वारा हो जाएगी।
इस गाड़ी में अच्छा-ख़ासा स्पेस उपलब्ध है। इसमें एयर वेन्ट्स की जगह एयर-कॉन को शामिल किया गया है, जिससे केबिन को तुरंत ठंडा किया जा सकता है। इसमें ब्रेज़ा की तरह ही सामान रखने के लिए पहले से अधिक स्टोरेज है। साथ ही कई बॉटल व कप होल्डर्स मौजूद हैं। इसका बूट स्पेस बहुत अधिक नहीं है, लेकिन इसका 60:40 स्पेस लगेज रखने के लिए अनुकूल है।
सुरक्षा के नज़रिए से भी यह गाड़ी पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसके टॉप प्रीमियम ट्रिम में डायमंड-कट के अलॉय वील्स, पीछे पार्किंग कैमरा, ऑटोमैटिक एलईडी हेडलैम्प्स व ऑटो वाइपर्स और एलईडी फ़ॉग लैम्प्स जैस आकर्षक सेफ़्टी फ़ीचर्स हैं। इसके अलावा इसमें लेदर से ढका हुआ स्टीयरिंग वील, क्रूज़ कंट्रोल और सात-इंच का टचस्क्रीन इंफ़ोटेन्मेंट सिस्टम भी मौजूद है।
5) विश्वसनीयता पर खरा उतरता है टोयोटा का आफ़्टर-सेल्स व सर्विस
टोयोटा के आफ़्टर-सेल्स और सर्विस पर ग्राहकों का हमेशा से विश्वास रहा है। इसके लिए ब्रैंड के डीलर्स नेटवर्क का महत्वपूर्ण हाथ रहा है। ग्राहक को हर तरह की सुविधा से जोड़ना कंपनी का हमेशा से प्रथम लक्ष्य रहा है। टोयोटा अर्बन क्रूज़र पर तीन साल तक या एक लाख किलोमीटर की स्टैंडर्ड वॉरंटी दी जा रही है। अर्बन क्रूज़र के पार्ट्स ब्रेज़ा की तरह ही हैं, इसलिए ये आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
नकारात्मक बातें
1) अनूठेपन की कमी
इस एसयूवी में नए ग्रिल, बम्पर और टोयोटा लोगो को छोड़कर कुछ ख़ास बदलाव नज़र नहीं आता। इससे यह ग्राहकों के अंदर इसके प्रति उतना उत्साह पैदा नहीं करता। आज के मार्केट की प्रतिद्वंदता को देखते हुए यह अर्बन क्रूज़र के लिए ठीक नहीं है। एसयूवी की सूची में मारुति सुज़ुकी विटारा ब्रेज़ा, हृयूंडे वेन्यू, फ़ोर्ड ईकोस्पोर्ट, किया सोनेट, महिंद्रा XUV300, निसान मैग्नाइट के अलावा हौंडा WR-V और रेनो काइगर जैसी गाड़ियां मौजूद हैं। ऐसे में थोड़ी-सी ख़ामी भी नुक़सानदेह हो सकती है।
2) बाज़ार में कई विकल्प हैं मौजूद
आज ग्राहकों के लिए कॉम्पैक्ट एसयूवीज़ के सेग्मेंट ढेरो विकल्प मौजूद हैं, जिसे वह आराम से सोच-विचार कर अपनी पसंद के मुताबिक़ ख़रीद सकते हैं। आज के समय में किसी भी ब्रैंड के लिए ज़रूरी है, कि वह समय के साथ अपनी टेक्नोलॉजी में अपडेट्स करते रहें। आज गाड़ियों में डीसीटी व सीवीटी गियरबॉक्स, फ़ुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, वायरलेस स्मार्टफ़ोन चार्जिंग और सनरूफ़ के अलावा छह एयरबैग्स और एयर प्यूरीफ़ायर जैसे फ़ीचर्स देखने को मिल रहे हैं। ज़ाहिर सी बात है, कि यदि लगभग एक ही क़ीमत पर अधिक फ़ीचर्स मिल रहे हैं, तो कोई क्यों इस मॉडल को चुनेगा। अभी भी टोयोटा में दूसरी एसयूवी के मुक़ाबले कुछ फ़ीचर्स ऑफ़र नहीं किए जा रहे हैं। इस पर कंपनी को विचार करना होगा।
निष्कर्ष
टोयोटा अगर अपने फ़ीचर्स पर और अच्छे से काम करे, तो यह और बेहतर रूप में सामने आएगी। लेकिन इन सब के बावजूद टोयोटा अपने स्टाइल, यात्रा के लिए सुलभ, ड्राइविंग में बेहतर, अच्छे केबिन की वजह से भारतीय ग्राहकों के लिए एक बेहतर विकल्प है।