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इसे क्यों ख़रीदना चाहिए?
अच्छा रोड प्रेज़ेंस
बड़ा केबिन
हाइब्रिड इफ़िशंसी
और क्या बेहतर हो सकता था?
टॉप-एंड वर्ज़न्स में तीसरी रो पर पहुंचने में दिक़्क़त
डीज़ल इंजन में नहीं है उपलब्ध
क्या है यह?
टोयोटा इनोवा क्रिस्टा भारत में काफ़ी चर्चित गाड़ी है। कंपनी ने भारी मांग के चलते और बढ़े हुए वेटिंग पीरियड के चलते डीज़ल इंजन के विकल्प को हटा दिया है।
साल 2023 में इसके डीज़ल इंजन का विकल्प एक बार फ़िर शुरू किया जाएगा। साथ ही नई-जनरेशन इनोवा को पेश किया जाएगा, जिसका नाम इनोवा हायक्रॉस है और यह स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड या प्योर पेट्रोल मॉडल में उपलब्ध है।
इसकी लंबाई 4.75m, चौड़ाई 1.85m और ऊंचाई 1.79m है। वहीं इसका वीलबेस 2.85m का है। इसका एसयूवी डिज़ाइन इसे काफ़ी आकर्षक बनाता है।
कैसा है इसका इंटीरियर?
हायक्रॉस के इंटीरियर में दोहरे-रंग का डैशबोर्ड, सॉफ़्ट-टच मटेरियल, दूसरी रो पर इलेक्ट्रिकली एड्जस्टेबल लेदर सीट्स, बीच में स्मार्टफ़ोन और टैबलेट के लिए मुड़ने वाला स्टोरेज बिन, आरामदायक सीट्स, ज़्यादा स्पेस, बड़ा लेगरूम और हेडरूम मिलता है।
वहीं दूसरी रो की सीट्स काफ़ी आरामदायक हैं और तीसरी रो की सीट्स पर पहुंचने के लिए वन-टच की जगह पर इलेक्ट्रिकली एड्जस्टेबल सीट्स दिए गए हैं। साथ ही तीसरी रो पर तीन लोगों को बैठने में मुश्क़िल हो सकती है। इसमें अच्छे थाइ सपोर्ट के साथ सीट बेस और फ़्लोर के बीच काफ़ी स्पेस मिलता है।
टॉप-स्पेक ZX (O) वर्ज़न में इलेक्ट्रिकली एड्जस्टेबल सीट्स, एम्बिएंट लाइटिंग के साथ बड़ा पैनॉरमिक सनरूफ़, आगे वेन्टिलेटेड सीट्स, दोहरे-ज़ोन का क्लाइमेट कंट्रोल (आगे और पीछे), सबवूफ़र के साथ नौ स्पीकर वाला जेबीएल ऑडियो सिस्टम, 360 डिग्री कैमरा, इलेक्ट्रिक टेलगेट, पीछे सन ब्लाइंड्स जैसे फ़ीचर्स हैं। साथ ही इसमें अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट, ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम, पीछे क्रॉस ट्रैफ़िक अलर्ट और टकराव से पहले चेतावनी जैसे ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम फ़ीचर्स हैं। बता दें, कि इसमें वायरलेस चार्जिंग और टीपीएमएस मौजूद नहीं हैं।
चलाने में कैसी है?
इनोवा हायक्रॉस चलाने में काफ़ी आसान है। इसके कंट्रोल्स और हाइब्रिड इंजन पार्क करने में आसान बनाते हैं। इसका 2.0-लीटर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड पेट्रोल इंजन 172bhp का पावर और 188Nm का टॉर्क जनरेट करता है और इसका इलेक्ट्रिक मोटर 11bhp का पावर और 206Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। इसमें फ्रंट-वील ड्राइव के साथ ई-सीवीटी गियरबॉक्स को जोड़ा गया है।
हायक्रॉस का इंजन ज़्यादा आवाज़ नहीं करता है और यह कार चलाने में काफ़ी स्मूथ है। इसमें हाइब्रिड इंजन के साथ ईवी ड्राइविंग मोड मिलता है, लेकिन इसकी बैटरी जल्दी ख़त्म होती है।
लैडर-ऑन-फ्रेम की जगह पर फ्रंट-वील ड्राइव होने के चलते अब इनोवा पहले से ज़्यादा तेज़ है और इसका वज़न 200 किलो तक कम हुआ है। इसके सस्पेंशन में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे यह कार कम झटके देती है। इसमें 18-इंच के वील्स को जोड़ा गया है।
क्या इसे ख़रीदना चाहिए?
नई हायक्रॉस पहले से ज़्यादा आरामदायक, बड़ी और आकर्षक है। हालांकि यह क्रिस्टा के डीज़ल वर्ज़न जितनी किफ़ायती नहीं होगी, लेकिन सिटी में चलाने के लिए इनोवा हायक्रॉस को ख़रीदना एक सही विकल्प होगा।
अनुवाद: विनय वाधवानी