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इसे क्यों ख़रीदना चाहिए?
शहर में चलाने में आसान सीएनजी कार
पेट्रोल से सीएनजी में आसानी से बदल सकते हैं
चलाने में किफ़ायती
इससे क्यों बचना चाहिए?
कम बूट स्पेस
पेट्रोल मोड के मुक़ाबले कम पावर
वर्डिक्ट
नई सीएनजी रेंज के साथ, फ़्यूल के बढ़ते दाम के चलते ज़्यादा ग्राहक टिगौर और टियागो के सीएनजी मॉडल्स की तरफ़ आकर्षित हो रहे हैं। कंपनी ने इसे अच्छी तरह से टेस्ट किया है। इसे पेट्रोल और सीएनजी के बीच आसानी से बदला जा सकता है और पावर में कमी ना के बराबर है, जो ख़रीदने का एक अच्छा कारण है।
पहली बार में, टिगौर i-सीएनजी काफ़ी अच्छा प्रभाव डालती है। ख़ासकर इसके टॉप-वेरीएंट्स, जो मारुति और हृयूंडे के एंट्री-लेवल वेरीएंट्स से बेहतर हैं।
इंजन और परफ़ॉरमेंस
इसका सीएनजी मोड कम पावर जनरेट करता है। इसमें 1.2-लीटर रेवोट्रॉन तीन-सिलेंडर पेट्रोल इंजन है, जो 84bhp का पावर और 114Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। डैशबोर्ड पर मौजूद बटन के मदद से सीएनजी मोड में स्विच करने पर यह 72bhp का पावर और 95Nmटॉर्क जनरेट करता है। मौजूदा समय में, सीएनजी वर्ज़न में सिर्फ़ पांच-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स को जोड़ा गया है। इसमें ईसीयू की मदद से टियागो या टिगौर को सीधे सीएनजी मोड में स्टार्ट किया जा सकता है।
राइड और हैंडलिंग
इसमें अब बड़े सिलेंडर को शामिल किया गया है, जिसके चलते टिगौर के पीछे के सस्पेंशन में कुछ बदलाव किए गए हैं। अपडेटेड सस्पेंशन ख़राब सड़कों पर पहले से ज़्यादा आवाज़ करता है। ज़्यादा वज़न के बावजूद इसका ग्राउंड क्लियरेंस 165 मिलीमीटर का है, जिससे बड़े स्पीड ब्रेक्स पर घबराने की ज़रुरत नहीं पड़ती। तीन बार लॉक-टु-लॉक टर्न करने पर पता चला, इसका स्टीयरिंग स्मूथ है, लेकिन तेज़ी से घुमाने पर कठिनाई दे सकता है। लेकिन चूंकि यह कार उस तरीक़े की ड्राइविंग के लिए नहीं बनाई गई है, हम इसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं।
इंटीरियर स्पेस और कम्फ़र्ट
साल 2022 में बनी टिगौर के केबिन में ज़्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं। i-सीएनजी में भी सेंटर कंसोल पर सीएनजी बटन, पूरी तरह से डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर सीएनजी फ़्यूल बार, केबिन पर दोहरे रंग का ब्लैक-बेज थीम जैसे फ़ीचर्स को शामिल किया गया है। टिगौर में पहले की तरह ही बड़ा केबिन, कपड़े से ढकी हुई सीट्स और पहली व दूसरी रो पर ज़्यादा हेडरूम मौजूद है।
फ़ीचर्स और इक्विपमेंट
अपने लाइन-अप में आई-सीएनजी को शामिल करने के अलावा, टाटा ने टिगौर और टियागो के वेरीएंट्स को भी अपडेट किया है। ये कार्स अब कई फ़ीचर्स के साथ नए XZ+ ट्रिम में मौजूद हैं। इसमें रेन-सेंसिंग वाइपर्स, प्रोजेक्टर्स के साथ ऑटो हेडलैम्प्स, स्पॉयलर के साथ ब्लैक-रूफ़, 15-इंच के अलॉय वील्स (i-सीएनजी में 14-इंच के स्टील रिम्स), शार्क फ़िन ऐंटिना, तीन-एरो वाला ग्रिल, एलईडी डीआरएल्स, ऐप्पल कारप्ले और ऐंड्रॉइड ऑटो के साथ सात-इंच का इंफ़ोटेन्मेंट स्क्रीन, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कूल्ड ग्लवबॉक्स, ऑटो-फ़ोल्ड ओआरवीएम्स, इंजन स्टार्ट-स्टॉप बटन जैसे फ़ीचर्स है, जो इसे टिगौर को ख़ास बनाते हैं।
निष्कर्ष
टाटा ने निचले वेरीएंट्स में सीएनजी के विकल्प को ना देकर ऊपर के दो वेरीएंट्स में सीएनजी के विकल्प को पेश किया है, जिसके चलते कुछ ग्राहकों को यह कार महंगी लग सकती है। सीएनजी वर्ज़न की क़ीमत 90,000 रुपए ज़्यादा है, लेकिन हमारे हिसाब से इसमें रोज़ाना ख़र्चा कम है, ज़्यादा रेंज, बड़ा और आकर्षक केबिन है, अच्छे सेफ़्टी फ़ीचर्स है, जो सीएनजी वर्ज़न को ख़रीदने लायक बनाते हैं।
तस्वीरें - कौस्तुभ गांधी
अनुवाद: विनय वाधवानी