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परिचय
टाटा मोटर्स सफ़ारी को लॉन्च करने की तैयारी में लगा हुआ है, जो कि हैरियर के बड़े भाई जैसा है। यह मिड-साइज़ एसयूवी से डिज़ाइन व फ़ीचर्स के मामले में बड़ा है और इसमें छह-सीट लेआउट शामिल है। इस वजह से इस मॉडल का मुक़ाबला एमजी हेक्टर प्लस के साथ है।
हम यहां सफ़ारी के केबिन स्पेस के बारे में आज चर्चा करेंगे। साथ ही इस मॉडल के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी एमजी हेक्टर प्लस से इसके माप की तुलना कर आपके चुनाव को आसान बनाएंगे।
सामने के केबिन की जगह
देखने में और दोनों एसयूवीज़ में बैठने व बाहर निकलने की सुविधा की बात करें, तो इनमें ज़्यादा अंतर नहीं है। आपको अच्छी ड्राइविंग पोज़िशन के साथ-साथ एड्जस्टेबल सीट्स भी मिलेंगे। वहीं हेक्टर प्लस में सामने की सीट में यह सुविधा दी जा रही है। जबकि, सफ़ारी के को-ड्राइवर सीट में यह विकल्प नहीं दिया गया है। इसमें मैनुअली एड्जस्ट होने वाला लुम्बर सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध है। नीचे दिए गए माप से पता चलता है, कि दोनों एसयूवीज़ में सामने ठीक-ठाक जगह मिलती है, वहीं सफ़ारी का हेडरूम थोड़ा ज़्यादा है। बात करें, यदि कम्फ़र्ट की तो दोनों मॉडल्स के सीट काफ़ी आरामदेह हैं।
इंटीरियर का माप | टाटा सफ़ारी | एमजी हेक्टर प्लस |
सामने | ||
लेगरूम (अधिकतम/न्यूनतम) | 86/62 | 88/66 |
स्थिर लेगरूम (77 पीछे) | 79 | 78 |
हेडरूम (अधिकतम/न्यूनतम) | 100/96 | 97/92 |
शोल्डर रूम | 135 | 136 |
सीट के बेस की लंबाई | 50 | 55 |
बैकरेस्ट की ऊंचाई | 62 | 62 |
प्रवेश की जगह | 77 | 80 |
पीछे का केबिन स्पेस
दोनों गाड़ियों में पीछे की सीट्स की तुलना काफ़ी रोचक है। और यदि आप ड्राइवर रखने की सोच रहे हैं, तो टाटा मोटर्स आपको 'बॉस मोड' की सुविधा देता है, जिसमें आप अपनी सीट को एड्जस्ट कर पैर को फैला सकते हैं। वैसे यही सुविधा आपको हेक्टर प्लस में भी मिलती है। बल्कि कहा जा सकता है, कि थोड़ी और बेहतर ही मिलती है। हेक्टर प्लस में आप सीट को ज़्यादा आगे-पीछे कर अपने लेग स्पेस को बढ़ा सकते हैं। जब गाड़ी पूरी तरह से भरी हुई हो, तो सफ़ारी में हेडरूम और शोल्डर रूम तो ठीक है, लेकिन पूरा कम्फ़र्ट थोड़ा कम हो सकता है।
दोनों ही मॉडल्स में आप तीसरी रो में दूसरी रो के कैप्टन सीट्स के बीच से या फिर दूसरी रो के सीट को नीचे गिराकर जा सकते हैं। दोनों एसयूवीज़ की तीसरी रो उतनी सुविधाजनक नहीं है, लेकिन सफ़ारी के लेगरूम और तुलनात्मक रूप से बड़े सेट बेस ने यहां बाजी मार ली है। दोनों गाड़ी में उपलब्ध पैनरॉमिक सनरूफ़ गाड़ी को बड़ा और खुला-खुला बनाते हैं। वहीं सफ़ारी में तीसरी रो में मिलने वाले एयर-वेन्ट्स व एयर-फ़्लो कंट्रोल्स इस गाड़ी को बेहतर विकल्प बनाता है।
दूसरा रो | टाटा सफ़ारी | एमजी हेक्टर प्लस |
लेगरूम (अधिकतम/न्यूनतम) | 97/72 | 100/78 |
स्थिर लेगरूम (100 सामने) | 80 | 78 |
हेडरूम | 97 | 92 |
शोल्डर रूम | 136 | 130 |
सीट बेस की लंबाई | 50 | 54 |
बैकरेस्ट की ऊंचाई | 60 | 62 |
प्रवेश की जगह | 84 | 80 |
तीसरी रो | टाटा सफ़ारी | एमजी हेक्टर प्लस |
लेगरूम (अधिकतम/न्यूनतम) | 90/67 | 70/50 |
हेडरूम | 88 | 87 |
शोल्डर रूम | 120 | 125 |
सीट बेस की लंबाई | 47 | 40 |
बैकरेस्ट की ऊंचाई | 56 | 58 |
बूट की जगह
बूट के मामले में दोनों मॉडल्स में आप छोटे बैग्स, ब्रिफ़केस या बैकपैक्स के अलावा कोई बड़ा लगेज नहीं रख सकते हैं। यदि आपको लंबा बैगेज या ज़्यादा सामान रखना है, तो तीसरी रो को नीचे गिराना होगा। सफ़ारी की लोडिंग लिप थोड़ी नीचे है, जिससे इसमें सामान लोड करना थोड़ा आसान हो जाता है।
बूट (तीसरी रो को बिना गिराए हुए) | टाटा सफ़ारी | एमजी हेक्टर प्लस |
लंबाई/ चौड़ाई/ ऊंचाई | 112/35 | 112/32 |
लोडिंग लिप की ऊंचाई | 76 | 80 |
लोडिंग लिप की ऊंचाई | 186 | 197 |
बूट (तीसरी रो को गिराने के बाद) | ||
लंबाई/ चौड़ाई/ ऊंचाई | 100/99/90 | 100/102/41 |
निष्कर्ष
दोनों छह-सीटर गाड़ियां बैठने के कम्फ़र्ट, सुविधा और स्टाइलिंग में कमोबेश एक जैसी ही हैं। टाटा और एमजी दोनों ने तीसरी-रो को काफ़ी सुविधाजनक बनाने की पूरी कोशिश की है। अत: यदि आप इन दोनों गाड़ियों के बीच चुनना चाहते हैं, तो इसके स्पेस की बजाय लुक्स, फ़ीचर्स, ड्राइव, राइड और हैंडल करने की सुविधा की तुलना करना बेहतर होगा।