1
परिचय:
जब हमने साल 2019 में टाटा अल्ट्रोज़ को चलाया था, तो हम इसके पेट्रोल वेरीएंट का परफ़ॉर्मेंस और बेहतर चाहते थे। टाटा ने इस बात को तुरंत ही दुरुस्त करते हुए एक बेहतर परफ़ॉर्मेंस देने वाला इंजन पेश किया है।
इस टाटा अल्ट्रोज़ आईटर्बो के बारे में हम आपको पांच ऐसी बातें बताएंगे जो इसे बेहतरीन विकल्प बनाती हैं और दो ऐसी बातें, जो टाटा और बेहतर कर सकता था।
सकारात्मक बातें
1. पावर में बढ़ोतरी
स्टैंडर्ड पेट्रोल इंजन के साथ अल्ट्रोज़ 6,000rpm पर 85bhp का पवर और 3,300rpm पर 113Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। वहीं 1.2-लीटर तीन-सिलेंडर पेट्रोल टर्बो इंजन 24bhp से 109bhp तक ज़्यादा पावर और 140Nm तक का टॉर्क (27Nm की बढ़ोतरी) जनरेट करता है। इन बढ़े हुए आंकड़ों को आप गाड़ी चलाते वक़्त तुरंत ही नोटिस कर सकते हैं।
इस फ़ोर्स्ड-इंडक्शन की वजह से मोटर काफ़ी ताकतवर लगता है और थ्रॉटल का पहले से बेहतर रिस्पॉन्स देता है। इससे कम थ्रॉटल पर भी काफ़ी अच्छी स्पीड मिलती है। थ्रॉटल देने के बाद गाड़ी के स्पीड पकड़ने में बहुत कम वक़्त लगता है। आपको महसूस ही नहीं होगा, कि गाड़ी ने कितनी सरलता से स्पीड को पकड़ लिया है।
इसके अलावा आई-टर्बो वेरीएंट में एक और दिलचस्प चीज़ देखने को मिलती है। स्टैंडर्ड वेरीएंट के गियर लिवर के पीछे एक बटन दिया गया है, जो सिटी से ईको ड्राइव मोड्स को बदलने में मदद करता है। वहीं आई-टर्बो में ईको मोड की जगह स्पोर्ट मोड दिया गया है। बटन दबाते ही मोटर की आवाज़ बेहतर सुनाई देने लगती है। इस मोड पर थ्रॉटल से आउटपुट बढ़ जाता है। टेकोमीटर पर आप देख सकते हैं, कि सिटी मोड की तुलना में उसी थ्रॉटल पर 500-700rpm ज़्यादा दिखाई देता है। इससे स्पोर्ट मोड में आपको ज़्यादा मज़ेदार राइड मिलती है।
राइड और हैंडलिंग की बात करें, तो गाड़ी में कोई ख़ास बदलाव नहीं किया गया है। अल्ट्रोज़ आई-टर्बो की राइड क्वॉलिटी काफ़ी अच्छी है। हैंडलिंग भी सुविधाजनक है।
- बेमिसाल लुक्स
टाटा के नए इम्पैक्ट 2.0 डिज़ाइन पर आधारित अल्ट्रोज़ एक आकर्षक नज़र आने वाली गाड़ी है। काले शेड के नोज़ पर फ़ॉक्सी रैपअराउंड हेडलैम्प्स उम्दा नज़र आ रहे हैं। वहीं विंडो-लाइन के ब्लैक्ड-आउट इन्सर्ट में पीछे के दरवाज़ों के हैंडल्स छिप गए हैं। सामने के आकर्षक वील आर्चेस और पीछे के टायर्स पर स्मार्ट क्रीज़ इसे स्पोर्टी लुक देता है। यहां तक कि पीछे के हिस्से को हिस्से को भी अनूठे ढंग से डिज़ाइन किया गया है।
टेलगेट पर मुश्क़िल से नज़र आने वाले आई-टर्बो बैज के साथ यह मॉडल मरीना ब्लू पेंट स्कीम में उपलब्ध है। यह शेड निश्चित तौर पर लोगों की नज़रें गाड़ी की ओर आकर्षित करेगा।
2. बड़ा और व्यवाहारिक केबिन
अल्ट्रोज़ की एक और उल्लेखनीय बात है, तो वह है इसका बड़ा केबिन स्पेस। आई-टर्बो के इंटीरियर में ब्लैक-सिल्वर की बजाय ब्लैक-वाइट के संयोजन के साथ थोड़ा बदलाव किया गया है। इसमें टाटा के नए ट्राय-ऐरो सिग्नेचर के साथ सीट्स पर भी लेदर अप्होल्स्ट्री दी गई है। इस मॉडल के सामने की सीट्स काफ़ी बड़ी है और इसमें हेड व शोल्डर रूम भी अच्छा-ख़ासा मिलता है। इसका केबिन काफ़ी व्यवाहारिक है। बड़े विंडो, अच्छे विंडस्क्रीन और आकर्षक ओआरवीएम्स के साथ गाड़ी स्टाइलिश लगती है।
इसके केबिन में सख़्त प्लास्टिक का ख़ूब इस्तेमाल किया गया है, जिसमें से डैश पर दिए गए ग्लॉस-फ़िनिश वाले सिल्वर इन्सर्ट्स हमें पसंद आया है। पीछे की सीट्स की बात करें, तो यहां भी अच्छा लेगरूम, हेडस्पेस दिया गया है। बाक़ी हैचबैक्स की तुलना में इसकी पिछली सीट पर तीन लोग आराम से बैठ सकते हैं। इसका बूट स्पेस 340 लीटर का काफ़ी बड़ा है। जिसमें बड़े सूटकेसेस और बैग्स आसानी से आ सकते हैं।
3. आईआरए के साथ ढेरों फ़ीचर्स
आई-टर्बो के साथ टाटा ने अपनी आईआरए कनेक्टेड कार टेक को पेश किया है। आईआरए का मतलब ‘इंटेलिजेंट रियर-टाइम असिस्ट’ से है। यह फ़ीचर टाटा की ओर से हृयूंडे के ब्लूलिंक व महिंद्रा के ब्लूसेंस को टक्कर देने वाले हैं। र्आआरए के बारे में उल्लेखनीय बात यह है, कि यह हिंग्लिश वॉइस कमांड्स भी समझता है। भारत में ही तैयार किए गए इस हिंग्लिश कमांड्स ने गाड़ी को ख़रीदारों के लिए एक आकर्षक और बेहतरीन फ़ीचर दिया है।
इसके अलावा आई-टर्बो में एक्सप्रेस कूल नाम का एक सेंटर कंसोल पर बटन दिया गया है। इसे दबाते ही केबिन के तापमान को कम करने के लिए अधिकतम स्पीड में ठंडी हवा का झोका आने लगता है। हमारे देश के तापमान को देखते हुए, जब गाड़ी धूप में खड़ी रही हो, तो यह फ़ीचर काफ़ी काम आ सकता है। हालांकि, इसके साथ यदि टाटा ने कूल सीट्स दिए होते तो अनुभव और भी सुखद हो जाता।
फ़ीचर्स की बात करें, तो इसमें पीछे की ओर वेन्ट्स के साथ सिंगल-ज़ोन क्लाइमेट कंट्रोल, कीलेस ऐंट्री और स्टार्ट बटन, ऑटो हेडलैम्प्स, रेन सेंसिंग वाइपर्स, इलेक्ट्रिकली अड्जस्टेबल और रीट्रैक्टेबल ओआरवीएम्स, क्रूज़ कंट्रोल, एम्बिएंट लाइटिंग और हर्मन सिस्टम के साथ स्मार्टफ़ोन कनेक्टिविटी दी गई है।
4. सुरक्षा में अव्वल
टाटा के नए अल्फ़ा आर्किटेक्चर पर आधारित अल्ट्रोज़ देश के उन चुनिंदा गाड़ियों में से है, जिसे एनकैप सुरक्षा रेटिंग में पांच स्टार्स मिले हुए हैं। ड्युअल एयरबैग्स, एबीएस के साथ ईबीडी, कॉर्नर स्टेबिलिटी कंट्रोल (सीएससी), आइसोफ़िक्स ऐंकर पॉइंट्स, सीटबेल्ट रिमाइंडर, सीटबेल्ट की ऊंचाई को अड्जस्ट करने की सुविधा, स्पीड-सेंसिंग दरवाज़ों के लॉक्स और रिवर्स कैमरा व सेंसर्स के साथ पार्किंग असिस्ट जैसे सुरक्षा के फ़ीचर्स दिए गए हैं। ये सभी फ़ीचर्स इस गाड़ी को देश की सबसे सुरक्षित गाड़ियों की सूची में शुमार करती है।
नकारात्मक बातें
1. पावर में उतनी भी अच्छी नहीं
109bhp के पावर के साथ अल्ट्रोज़ अब भी नई i20 या पोलो से पीछे ही है। ये दोनों ही गाड़ियां अब टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन्स के साथ उपलब्ध हैं। स्टैंडर्ड मॉडल से ज़्यादा पावर प्रोड्यूस करने के बावजूद अल्ट्रोज़ आई-टर्बो को वह गति नहीं मिल पाई है। इसमें कोई दोराय नहीं, कि इंजन के बेहतरीन परफ़ॉर्मेंस की वजह से इस गाड़ी का ड्राइव अनुभव अच्छा है। लेकिन, बाक़ी प्रतिद्वंदियों की तुलना में इस गाड़ी की रिस्पॉन्स और स्पीड अब भी पीछे है।
2. कुछ फ़ीचर्स और ऑटोमैटिक विकल्प की कमी
आई-टर्बो को लाने के दौरान टाटा चाहता तो अपने फ़ीचर लिस्ट को और भी मज़बूत बना सकता था। लेकिन कंपनी ने इस अपडेट को मुख्य रूप से मेकैनिकल ही रखा है। इस गाड़ी में अब भी सनरूफ़ या वायरलेस चार्जर नहीं दिया गया है। संभवत: ये इसके फ़ेसलिफ़्ट वर्ज़न में इन्हें देंगे, लेकिन अभी उसे आने में भी कम-से-कम एक साल का वक़्त लगेगा।
रंग के अलावा गाड़ी के लुक में कोई और बदलाव नहीं किया गया है। इसके प्रतिद्वंदी पोलो जीटी जैसे मॉडल्स की तुलना में यह उतनी आकर्षक नहीं नज़र आती। थोड़ी स्पोर्टी लुक वाली बॉडी, इक्सटेंडेड लिप बम्पर, पीछे की ओर स्टाइलिश रूफ़-माउंटेड स्पॉइलर, आकर्षक एग्ज़ॉस्ट या फिर स्पोर्टी लुक वाले अलॉय वील्स इस गाड़ी को बेहतर लुक दे सकते थे। साथ ही, यह एक अच्छा मौक़ा था, अल्ट्रोज़ के ऑटोमैटिक विकल्प को बाज़ार में उतारने का, लेकिन टाटा ने ऐसा नहीं किया।
निष्कर्ष
आई-टर्बो के आने के बाद से टाटा की अल्ट्रोज़ ज़्यादातर ग्राहकों की पसंद बन सकती है। दमदार मोटर के लिए ग्राहक डीज़ल विकल्प चुन सकते हैं। वहीं शहर और पारिवारिक इस्तेमाल के लिए स्टैंडर्ड पेट्रोल वर्ज़न एक अच्छा विकल्प हो सकता है। और जिन्हें धाकड़ ड्राइविंग, बड़े केबिन, लंबे फ़ीचर लिस्ट, सुरक्षा में अव्वल और आकर्षक लुक की तलाश है, वे आई-टर्बो को चुन सकती है।