न केवल भारतीय, बल्कि वैश्विक बाज़ार में भी एसयूवीज़ का बोलबाला है। हैचबैक और सिडैन सेग्मेंट के बीच कहीं एसयूवीज़ ने अपनी ख़ास जगह बना ली है। क़ीमत, ग्राउंड क्लीयरेंस, स्पोर्टी लुक फ़ीचर्स, पार्क करने में आसान और ऐसी कई वजहें हैं, जो इस सेग्मेंट के फलने-फूलने की गवाही दे रहे हैं।
बेहतर ग्राउंड क्लीयरेंस और राइड क्वॉलिटी
आमतौर पर एसयूवीज़ का ग्राउंड क्लीयरेंस हैचबैक्स और सिडैन्स दोनों के मुक़ाबले ज़्यादा होता है। ख़राब रास्तों और ऊंचे स्पीड ब्रेकर्स को एसयूवीज़ से पार करना आसान हो जाता है। साथ ही इसके लॉन्ग सस्पेंशन की मदद से इसकी राइड क्वॉलिटी भी बेहतर बनी रहती है।
स्पोर्टी लुक आया काम
बाज़ार में एसयूवीज़ में कई तरह के टाइप्स उपलब्ध हैं। जिसमें मिनी एसयूवीज़ से लेकर कॉम्पैक्ट और ऑफ़-रोडिंग की क्षमता रखने वाली एसयूवीज़ शामिल हैं। इन सबके ही लुक काफ़ी मांसल और आकर्षक हैं। धाकड़ लुक ने एसयूवीज़ की रोड प्रेज़ेन्स यानी रोड पर अलग नज़र आने की क्षमता बढ़ाई है, जिसने इसके पक्ष में काम किया है।
फ़ीचर्स से लैस एसयूवीज़
इस सेग्मेंट में हृयूंडे, मारुति, किया, टाटा, महिंद्रा सबने अपने क़दम रखे हैं और आगे भी अपनी पकड़ को मज़बूत बनाने के लिए नई कार्स लॉन्च करने की तैयारी जारी है। इतने प्रतिद्वंदी वाले सेग्मेंट में लाज़मी है, कि मैन्युफ़ैक्चसर्स अपना सबसे बेहतर देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। ऐसे में इस सेग्मेंट की कार्स में कई ऐसे फ़ीचर्स दिए गए हैं, जो पहली दफ़ा दिए जा रहे हैं। इस बारे में और जानने के लिए आप सुन सकते हैं एसयूवीज़ पर हमारा पॉडकास्ट।