हुंडई क्रेटा ईवी की चर्चाओं के बीच अब हुंडई अल्काज़ार ईवी भी मार्केट में एंट्री करने को तैयार है। कारवाले के मुताबिक़, यह कार 2025 के आख़िर तक लॉन्च हो सकती है। आइए जानते हैं ऐसे चार बड़े कारण कि यह क्यों होगी ख़ास!
लॉजिकल प्रोग्रेशन: क्रेटा ईवी के बाद अगला बड़ा क़दम
हुंडई क्रेटा ईवी की एंट्री इस साल के अंत तक हो सकती है, और ये हुंडई की पहली ईवी होगी, जिसे भारत में बनाया जाएगा। इस ईवी की रेंज 450-500 किलोमीटर तक हो सकती है और इसे हुंडई-किआ के K2 प्लेटफ़ॉर्म पर बनाया जाएगा, जिस पर सेल्टोस और कारेन्स के इलेक्ट्रिक वर्ज़न भी आधारित होंगे। जब कारेन्स का इलेक्ट्रिक वर्ज़न आ रहा है, तो अल्काज़ार ईवी का आना तो तय है।
दोहरी मार: हुंडई की सेग्मेंट-कैप्चरिंग स्ट्रैटेजी
हुंडई का हर सेग्मेंट में कई मॉडल्स के जरिए पकड़ बनाने का फ़ॉर्मूला अब इलेक्ट्रिक एसयूवीज़ तक पहुंच गया है। जैसे 10 लाख के नीचे निओस, एक्सटर, ऑरा हैं, सब-फ़ोर मीटर में वेन्यू और i20 हैं, डी-सेग्मेंट में वरना, क्रेटा और अल्काज़ार हैं। अब हुंडई का अगला दांव, दो और तीन-रो वाली इलेक्ट्रिक एसयूवीज़ पर है। इस स्ट्रैटेजी से हुंडई अपना बाज़ार और भी मजबूत करने का प्लान बना रही है।
इलेक्ट्रिक एसयूवीज़ की नई लड़ाई: अल्काज़ार ईवी का होगा धमाका
डी-सेग्मेंट में इलेक्ट्रिक एसयूवीज़ का कड़ा मुक़ाबला देखने को मिलेगा। टाटा कर्व ईवी, मारुति evX, हुंडई क्रेटा ईवी, होंडा एलिवेट ईवी, एमजी ZS ईवी और महिंद्रा BE.05 जैसी दो-रो वाली एसयूवीज़ के साथ हुंडई अल्काज़ार ईवी, महिंद्रा XUV.e8 और किआ कारेन्स ईवी जैसी तीन-रो वाली एसयूवीज़ भी मार्केट में होंगी। इस मुक़ाबले में अल्काज़ार ईवी का आना एक नया और बड़ा बदलाव ला सकता है।
एक्सपोर्ट हिट: वैश्विक बाज़ार में हुंडई का मजबूत दांव
हुंडई अल्काज़ार पहले से ही गल्फ़ देशों, अफ्रीका और साउथ ईस्ट एशिया में काफ़ी पॉपुलर है, जहां तीन-रो वाली वाली गाड़ियों की डिमांड ज़्यादा रहती है। इसका इलेक्ट्रिक वर्ज़न आने से इसके एक्सपोर्ट पोटेंशियल में और भी इज़ाफा होगा, जिससे हुंडई की ग्लोबल मौजूदगी और भी मजबूत हो जाएगी।
निष्कर्ष
हुंडई अल्काज़ार ईवी की एंट्री न सिर्फ़ कंपनी के लिए एक स्मार्ट मूव साबित होगी, बल्कि ईवी मार्केट में हुंडई को और भी मजबूत बनाएगी। 2025 के आख़िर तक इस नए गेम-चेंजर के आने का इंतजार रहेगा।
अनुवाद: गुलाब चौबे