सड़क परिवहन और राजमार्ग के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कल लोकसभा में बहुप्रतीक्षित वीइकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी के अंतर्गत 15 साल से अधिक पुरानी कमर्शियल वाहनों को फ़िटनेस टेस्ट से गुज़रना अनिवार्य होगा। आपको बता दें, कि बिना फ़िटनेस टेस्ट वाली गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सरकार द्वारा रद्द कर दिया जाएगा। इस पॉलिसी में निजी वहनों की समय सीमा को बढ़ाकर 20 साल कर दिया गया है, वहीं इसमें विंटेज (पुराने) और क्लासिक कार्स को शामिल नहीं किया गया है।
यह भी कहा गया है, कि 15 साल से ज़्यादा पुरानी सरकारी चार-पहिया वाहनों को भी इस स्क्रैपेज प्रक्रिया से गुज़रना होगा। इसके अलावा यदि कोई कमर्शियल या पैसेंजर वाहन फ़िटनेस टेस्ट में असफल होती है, तो ऐसे वाहनों को ऐंड-ऑफ़-लाइफ़ का लेबल दिया जाएगा। फ़िटनेस टेस्ट में सफल होने वाले वाहनों को फ़ीस भरने के बाद ही फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट दिया जाएगा।
इस नयी नीति के तहत जो ग्राहक अपनी पुरानी वीइकल को स्क्रैपेज के लिए पंजीकृत करते हैं, उन्हें कई तरह की विशेष छूट दी जाएगी। इसके तहत नई गाड़ी की एक्स-शोरूम क़ीमत पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। साथ ही राज्य सरकार द्वारा पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को रोड टैक्स पर 25 से 15 प्रतिशत की छूट भी मिल सकेगी। इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) वैध स्क्रैपिंग सर्टिफ़िकेट' वाले ग्राहकों को अन्य ब्रैंड से नई गाड़ी ख़रीदने पर पांच प्रतिशत का डिस्काउंट या रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, कि नई स्क्रैपेज पॉलिसी से प्रदूषण में कमी आने के साथ ही 10,000 करोड़ रुपए का निवेश और तक़रीबन 35,000 रोज़गार उत्पन्न होंगे। इस पॉलिसी को सफल बनाने के लिए सरकार देश भर में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फ़ेसिलिटी (RSVP) और फ़िटनेस केंद्रों की स्थापना करेगी, जहां डिजिटल रूप में अपॉइंटमेंट और टेस्ट रिपोर्ट दिए जाएंगे।
सरकार के अनुसार, फ़िलहाल भारत में क़रीब 51 लाख ऐसे वाहन हैं, जो 20 साल से ज़्यादा पुराने हैं और क़रीब 34 लाख वाहन 15 साल से अधिक पुराने हैं।