- पहले 25,000 चार पहिया प्रति ईवी पर एक लाख रुपए तक की सब्सिडी
- फ़ैक्ट्री क़ीमत पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में सबसे ज़्यादा चर्चा इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य को लेकर हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए काफ़ी अहम फ़ैसले लेते हुए नई नीतियों को मंजूरी दी गई है, जो अगले पांच सालों तक लागू रहेंगी। इसे पर्यावरण संरक्षण के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण क़दम बताया गया है।
क्या कहती है नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति?
नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 के अंतर्गत यूपी में बने इलेक्ट्रिक वाहनों को ख़रीदने पर नई नीति के लागू होने की तारीख़ से पांच सालों तक ग्राहकों को रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा, वहीं प्रदेश में ख़रीदे गए व पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों पर नई नीति के लागू होने की तारीख़ से तीन सालों तक रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। साथ ही यूपी में ख़रीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की फ़ैक्ट्री क़ीमत पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। बता दें, कि पहले 25,000 चार पहिया प्रति इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक लाख रुपए तक की सब्सिडी देने की बात कही गई।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान
इस योजना के तहत यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया है। इसमें चार्जिंग व स्वैपिंग स्टेशन्स, ईवी बैटरी प्रोडक्शन और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरुकता नई नीति के मुख्य बिंदू हैं। इसके लिए सरकार प्रदेश में 30,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसमें सब्सिडी का भी प्रावधान है।