आज देश में बजट 2023 को वित्तीय मंत्री निर्मला सितारमण द्वारा पेश किया गया है। बड़ी संख्या में बजट को लेकर काफ़ी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस बजट में भविष्य का पूरा ध्यान रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन सस्टेनेबिलिटी पर काफ़ी ध्यान दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी, वहीं ग्रीन मोबिलिटी से बढ़ते प्रदूषण से राहत मिलेगी।
इस बजट को ग्रीन ग्रोथ का नाम दिया है। ग्रीन ग्रोथ के अंदर ग्रीन फ़्यूल, ग्रीन फ़ार्मिंग, ग्रीन एनर्जी, ग्रीन मोबिलिटी और ग्रीन इक्विपमेंट पर ज़ोर दिया गया है, जिससे की कार्बन तीव्रता को कम करने में सहायता मिलेगी।
बजट 2023 में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने वाली प्रमुख बातें:
- सराकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुश्त करने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में 10,000 करोड़ रुपए का व्यय किया जाएगा, जिससे की बेहतर सड़कों और इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन्स को तैयार किया जा सके।
- लिथियम-आयन बैटरी को तैयार करने में लगने वाले कैपिटल गुड्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया है।
- इस बजट में फ़ॉसिल फ़्यूल पर कम आश्रित रहने के लिए नेशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएंगे, जिससे की हाइड्रोजन के उत्पादन में बढ़ोतरी कर साल 2070 तक ज़ीरों-इमिशन के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके। इसके ज़रिए सरकार का उद्देश्य साल 2030 तक सालाना पाचं मैट्रिक मिलियन टन्स ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।
- पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए सरकार स्क्रैपेज पॉलिसी पर भी ख़र्च करेगी।
- एनर्जी ट्रांज़िशन के लिए 35,000 करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया जाएगा, जिससे नेट ज़ीरो के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके।
- सरकार 4000mwh बैटरी एनर्जी स्टोरेज के लिए वायबिलिटी गैप फ़ंडिंग की सुविधा देगी।
भारत की वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘इस बजट से सरकार का उद्देश्य वातावरण को ग्रीन यानी प्रदुषण रहित बनाना है। इससे साल 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन इमिशन तक के लक्ष्य तक पहुंने मदद मलेगी।’’
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