उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक गाड़ी ख़रीदने वाले ग्राहकों को सब्सिडी का फ़ायदा पहुंचाने के लिए के लिए योगी सरकार ने 19 जुलाई यानी बुधवार को सब्सिडी पोर्टल upevsubsidy.in की शुरुआत कर दी है। इस पोर्टल पर जाकर आप सब्सिडी के लिए ऑनलाइन अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए 4-लेवल का वेरिफ़िकेशन पूरा करना होगा, जिसके बाद सब्सिडी ईवी मालिक के बैंक अकॉउंट में ट्रांसफ़र कर दी जाएगी। सरकार अपने इस प्रयास के ज़रिए उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
4-लेवल वेरिफ़िकेशन
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता योजना 2022 के तहत कुछ नियमों का पालन कर इस सब्सिडी का फ़ायदा उठाया जा सकेगा। 14 अक्टूबर, 2022 के बाद ख़रीदी गई इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर ही यह स्कीम लागू होगी। साथ ही इसका लाभ 13 अक्टूबर, 2023 तक लिया जा सकेगा। सरकार की तरफ़ से दी गई जानकारी के अनुसार, पोर्टल पर अप्लाय करने के बाद चार लेवल वेरिफ़िकेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिसमें पहला वेरिफ़िकेशन डीलर के लेवल पर होगा इसके बाद रजिस्ट्रेशन और फिर डिपार्टमेंट के स्तर पर जांच किया जाएगा। सबसे आख़िर में टीआई द्वारा इसका वेरिफ़िकेशन किया जाएगा। ईवी मालिक द्वारा पोर्टल पर दी गई जानकारी के मुताबिक़, वेरिफ़िकेशन पूरा होते ही लगभग तीन वर्किंग दिनों में सब्सिडी ग्राहक के बैंक अकॉउंट में सीधे ट्रांसफ़र कर दी जाएगी।
किसे मिलेगी सब्सिडी?
राज्य में 14 अक्टूबर के बाद इलेक्ट्रिक वाहन ख़रीदने वाले ग्राहक सब्सिडी का दावा करने के पात्र होंगे। आवेदन के लिए आवेदक को ऊपर दिए गए पोर्टल पर लाॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाना होगा। आवेदन जमा हो जाने के बाद जब सारी जानकारी की पुष्टि कर ली जाएगी, तो सब्सिडी राशि ग्राहक के बैंक खाते में ट्रांसफ़र कर दी जाएगी। आपको बता दें, कि ईवीज़ पर सब्सिडी सिर्फ़ उन्ही वीइकल मालिकों को दिया जाएगा, जो पहली बार ईवी मॉडल ख़रीद रहे होंगे।
कितनी है सब्सिडी की राशि?
कहा गया है, कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पहली दो लाख ख़रीद पर प्रति वाहन 5,000 रुपए की सब्सिडी होगी, जो एक्स-शोरूम क़ीमत के 15 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं मिलेगी। वहीं चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 25,000 से पहले की ख़रीद पर प्रति वाहन 1 लाख रुपए की सब्सिडी होगी, जो एक्स-शोरूम क़ीमत के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
कमर्शियल वीइकल्स की बात करें, तो शुरुआती 400 गैर-सरकारी ई-बसों को प्रति वाहन 20 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी, जो एक्स-फैक्ट्री लागत की 15 प्रतिशत तक होगी। वहीं पहले 1,000 ई-माल वाहकों के लिए प्रति वाहन एक लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी, जिससे फ़ैक्ट्री लागत की 10 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।