- ऑटो एक्स्पो के नज़रिए से काफ़ी महत्वपूर्ण बजट
- फ़ॉसिल फ़्यूल पर नहीं होना पड़ेगा निर्भर
देश में आम बजट 2023 पेश को वित्तीय मंत्री द्वारा पेश किया जा चुका है, जिसमें भारत के सुंदर भविष्य को देखा जा सकता है। सरकार द्वारा लगभग हर क्षेत्र को आगे बढ़ाने की कोशिश इस बजट में देखी जा सकती है। इसी के अंतर्गत बजट में ग्रीन ग्रोथ पर ज़ोर दिया गया है। आज के दौर में प्रदूषण और जलवायू की समस्या को देखते हुए सरकार ने ग्रीन एनर्जी पर ध्यान दिया है, जिससे, कि देश को प्रदूषण रहित करने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्ज़न को ख़त्म करने के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके।
दूसरी तरफ़ हाल ही में दिल्ली में हुए ऑटो एक्स्पो 2023 में साफ़ देखा जा सकता है, कि आज हर ब्रैंड ने ग्रीन मोबिलिटी को लेकर काफ़ी बड़ी-बड़ी योजनाएं तैयार की हैं, जो भविष्य में प्रत्यक्ष होती नज़र आएंगी। इस ऑटो एक्स्पो में इलेक्ट्रिक, फ़्लैक्स फ़्यूल पावर, हाइड्रोजन और सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों का बोलबाला रहा। इसके अंतर्गत हुंडई आयनिक 5, एमजी 4, एमजी eHS, किआ EV9, टाटा पंच व अल्ट्रोज़ सीएनजी, बीवायडी सील, एमजी यूनिक 7 और वैगन आर फ़्लैक्स फ़्यूल जैसे बड़े उदाहरण हैं।
ग्रीन सस्टेनेबिलिटी के उद्देश्य तक पहुंचने में यह बजट एक राह की तरह आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है और ऑटो एक्स्पो की योजना को पूरा करने में काफ़ी अहम है। इससे महंगे होते पेट्रोल व डीज़ल जैसे फ़ॉसिल फ़्यूल पर आश्रित होने की ज़रूरत नहीं होगी। बता दें, कि इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10,000 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएंगे।
आम बजट 2023 में ग्रीन ग्रोथ से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:
- इस बजट में हाइड्रोज़न के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साल 2030 तक देश में हर साल पाचं मैट्रिक मिलियन टन्स ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन की बात कही गई है। इसके लिए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे।
- इस बजट में साल 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पूरा होगा।
- बजट में एनर्जी ट्रांस्ज़िशन यानी ऊर्जा परिवर्तन व ऊर्जा सुरक्षा और नेट ज़ीरो के लिए 35,000 करोड़ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ख़र्च किए जाएंगे।
- 4000mwh बैटरी क्षमता के लिए बैटरी एनर्जी स्टोरेज तैयार किए जाएंगे।
- 15 साल पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग पॉलिसी पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें सरकार पुराने वाहनों को बदलकर नए वाहन ख़रीदने के लिए प्रयाप्त राशी की मदद करेगी। इससे प्रदूषण फ़ैला रहे वाहनों से निजात मिलेगी।
- लिथियम-आयन बैटरी को तैयार करने में लगने वाले कैपिटल गुड्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, जिससे, कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां पहले से सस्ती हो जाएंगी।
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पर्यावरण सुरक्षा व सुधार के लिए ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम को शामिल किया गया है।
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