वर्ष 2019 ऑटो इंडस्ट्री के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। कई बातों ने इंडस्ट्री को सकारात्मक ढंग से प्रभावित किया तो कई ने सेल्स में गिरावट लाई। हमने यहां 2020 में प्रवेश करने से पहले आपके सामने इसी तरह की 7 बड़ी बातों की एक सूची तैयार की है, जिसने ऑटो इंडस्ट्री को वर्ष 2019 में प्रभावित किया।
BS6 नियम
BS6 नियम नए साल में अप्रैल महीने तक लागू होने वाले हैं, लेकिन इसकी चर्चा और तैयारी लंबे समय से चल रही है। वर्ष 2019 पूरी तरह से BS6 नियमों के अनुरूप इंडस्ट्री को तैयार करने के ही नाम रहा। इस नए इमिशन नियमों का पालन कर हम वैश्विक स्तर के इमिशन नियमों के अनुरूप हो जाएंगे। आप नीचे दिए गए विषयों पर क्लिक करके इस बारे में और जानकारी पा सकते हैं।
BS6 एमिशन नियम: क्या मुझे फ़्यूल के बारे में परवाह करने की ज़रूरत है?
नए क्रैश सेफ़्टी नियम
वर्ष 2019 में भारतीय कार मार्केट के लिए नए सेफ़्टी नियमों को पेश किया गया था। जिसके तहत हर नई गाड़ी में एबीएस+ईबीडी, ड्युअल फ्रंट एयरबैग्स, सीट बेल्ट रिमाइंडर, रियर पार्किंग सेंसर्स और स्पीड अलर्ट रिमाइंडर होने ही चाहिए। वर्ष 2020 में नई गाड़ियों का क्रैश सेफ़्टी नियमों के अनुरूप होना चाहिए और साथ ही पैदल यात्रियों के लिए भी नियमों का पालन करना चाहिए।
एमजी और किया का भारत में प्रवेश
वर्ष 2019 में भारतीय बाज़ार में दो नए ब्रैंड्स के प्रवेश करने से मार्केट में प्रतिस्पर्धा काफ़ी तीखी हो गई थी। साउथ कोरियन ब्रैंड किया और उनका पहला प्रॉडक्ट सेल्टोज़ एसयूवी ने बाज़ार में आते ही धूम मचा दी। वहीं दूसरी ओर एमजी ने हेक्टर एसयूवी के साथ भारतीय बाज़ार में अपनी जगह बनाई। दोनों ही ब्रैंड्स ने डी-सेग्मेंट से बाज़ार में प्रवेश किया और काफ़ी चर्चा भी बटोरी।
भारत में इलेक्ट्रिक दो पहिया और चार पहिया का ट्रेंड
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ रहा है और इसी कड़ी में भारत ने भी अपना नाम जोड़ दिया है। भारतीय बाज़ार में तीन इलेक्ट्रिक कार्स हैं और इसके अलावा वर्ष 2020 में कम से कम दो से तीन गाड़ियां और उतरने वाली हैं। जिसमें स्थानीय तौर पर असेम्ब किया जाने वाला हृयूंडे कोना भी शामिल है। सरकार ने भी इलेक्ट्रिक वीइकल्स को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2019 में जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया।
महिंद्रा-फ़ोर्ड JV
महिंद्रा और फ़ोर्ड मोटर कंपनी ने आपसी समझौता कर भारत में फ़ोर्ड ब्रैंड की गाड़ियां पेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा इस समझौते के तहत दुनियाभर में फ़ोर्ड और महिंद्रा की गाड़ियों को विकसित कर, उनकी मार्केटिंग करना और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया को मज़बूत बनाने पर भी काम किया जाएगा। इस साझा वेंचर में महिंद्रा की भागीदारी 51 प्रतिशत तक है, वहीं फ़ोर्ड के खाते में 49 प्रतिशत हिस्सा है।
टोयोटा-सुज़ुकी JV
दो बड़ी कार निर्माता कंपनीज़-टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन (टोयोटा) और सुज़ुकी मोटर कॉर्पोरेशन (सुज़ुकी) ने अपने क्रॉस-बैजिंग एग्रिमेंट के तहत भविष्य से जुड़ी कई योजनाएं तैयार की हैं। इस समझौते के माध्यम से टोयोटा की इलेक्ट्रिक वीइकल तैयार करने की ख़ासियत और सुज़ुकी की कॉम्पैक्ट वीइकल्स तैयार करने की विशेषता को जोड़ा जा सकता है। जिससे कुछ उम्दा ग्राहकों के लिए अनुकूल इलेक्ट्रिक वीइकल्स को बाज़ार में पेश किया जा सकता है। इस समझौते के तहत सबसे पहली कार जो बाज़ार में उतारी जाने वाली है, वह है ग्लैंज़ा हैचबैक, जो कि मारुति बलेनो पर आधारित है।
फ़ास्ट टैग का लागू होना
भारत में फ़ास्ट टैग के लागू होने से टोल नाका पर लगने वाली लंबी कतारों को अब अलविदा कहा जा सकता है। ये आरएफ़आईडी टैग्स सीधे हमारे अकाउंट या ई-मनी वॉलेट से जुड़े होंगे, जिससे टोल बूथ से गुज़रने से आपका टोल ऑटोमैटिकली कट जाएगा। यह कैशलेस व त्वरित प्रक्रिया गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करने के लिए बेहद कारगर होंगी। फ़ास्ट टैग से जुड़ी ज़्यादा जानकारी पाने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।