- कुल बिक्री में होगा 25 से 30 प्रतिशत सीएनजी का हिस्सा
- डीज़ल इंजन की बिक्री रह जाएगी पांच प्रतिशत से भी कम
टाटा मोटर्स ने हाल ही में नियामक फ़ाइलिंग में फ़्यूल के आधार पर अपने लक्ष्य को साझा किया है। कंपनी ने कहा है, कि साल 2030 के अंत तक कंपनी का मक़सद कुल सेल्स के अंतर्गत 25 से 30 प्रतिशत सीएनजी और 30 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वीइकल्स का हिस्सा हो, वहीं बचे हुए वीइकल्स पेट्रोल के होंगे और डीज़ल का हिस्सा पांच प्रतिशत से कम होगा।
मौजूदा समय में टाटा की ईवी सूची नेक्सन ईवी प्राइम व मैक्स, टियागो ईवी और टिगोर ईवी के चलते काफ़ी मज़बूत नज़र आती है। इस सूवी में नेक्सन ईवी 40,000 यूनिट्स की बिक्री के साथ कंपनी की प्रमुख ईवी गाड़ी है, हाल ही में लॉन्च हुई टियागो ईवी की 20,000 से ज़्यादा की बुकिंग्स हुई है और कंपनी इसके प्रोडक्शन को बढ़ाकर इसके वेटिंग पीरियड को कम करेगी।
कंपनी की सीएनजी सूची में 6.44 लाख रुपए की शुरुआती क़ीमत के साथ टियागो और टिगोर सीएनजी वेरीएंट्स शामिल हैं। इसकी टक्कर हुंडई ग्रैंड i10 निओसऔर मारुति सुज़ुकी वैगन आर सीएनजी से है। टाटा अपनी सीएनजी को विस्तार करते हुए पंच और अल्ट्रोज़ को पेश किया है, जो जून 2023 में लॉन्च होंगी।
टाटा ने ऑटो एक्स्पो 2023 में 1.2 और 1.5-लीटर टीजीडीआई रेंज के पेट्रोल इंजन्स को शोकेस किया था। ये इंजन्स आरडीई-अनुपालित और E20 के अनुकूल हैं और चार मीटर से ज़्यादा के वीइकल्स में इस्तेमाल किया जा सकता है। मौजूदा समय में कंपनी के सफ़ारी और हैरियर ऐसी दो गाड़ियां हैं, जिनकी लंबाई चार मीटर से ज़्यादा है।
अनुवाद- धीरज गिरी