- भारतीयों की पहली पसंद बनी एसयूवीज़
- बजट कार्स की बिक्री में 13% इजाफ़ा
भारतीय सड़कों पर पिछले कुछ सालों में गाड़ियों की भीड़ बढ़ी है। इस बढ़ते ऑटो मार्केट में बजट कार्स ने बड़ी भूमिका निभाई है। सेग्मेंट्स की बात की जाए, तो एसयूवीज़ की मांग तेज़ी से बढ़ती जा रही है। इसका अंदाज़ा इस सेग्मेंट में कई विकल्पों से ही लगाया जा सकता है। देश में 32% पैसेंजर वीइकल्स की बिक्री 10-20 लाख रुपए की गाड़ियों की है। वित्तीय वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 19% था। यानी पिछले तीन सालों में बजट कार्स की बिक्री में अच्छा-ख़ासा इजाफ़ा हुआ है।
एसयूवीज़ का है बोलबाला
इन आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन सालों में 13% बढ़ोतरी इसी क़ीमत की रेंज वाली गाड़ियों की बिक्री में हुई है। अब इस प्राइस कैटेगरी में सबसे ज़्यादा जिन गाड़ियों को ख़रीदा जा रहा है, उनके बारे में थोड़ी पड़ताल करें, तो पता लगता है, कि भारतीयों की पसंदीदा एसयूवीज़ ने यहां बाज़ी मार ली है। 74% बिक्री इस कैटेगरी में एसयूवीज़ की ही रही है। जेटो डाइनेमिक के डेटा के अनुसार, 10-20 लाख की क़ीमत में बिकने वाली सबसे ज़्यादा गाड़ियां एसयूवीज़ हैं, जिनमें कुछ कॉम्पैक्ट एसयूवीज़, कुछ माइक्रो एसयूवीज़ और कुछ ऑफ़-रोडर एसयूवीज़ हैं।
क्या विकल्प हैं इस रेंज में?
इस बजट में आपको महिंद्रा की स्कॉर्पियो, XUV700, XUV400, बोलेरो नियो, थार, टाटा की हैरियर, सफ़ारी, नेक्सन का आईसीई और ईवी दोनों वर्ज़न्स, एमजी हेक्टर, फ़ोर्स मोटर्स गुरखा, मारुति सुज़ुकी ग्रैंड विटारा, जिम्नी, फ्रॉन्क्स, टोयोटा अर्बन क्रूज़र हायराइडर, हुंडई की क्रेटा ये एसयूवीज़ मिल रही हैं।