- फ़्लेक्स फ़्यूल और हाइब्रिड पर ज़्यादा है फ़ोकस
- हाइब्रिड कार्स की सफलता के पीछे फ़्यूल इफ़िशंसी है बड़ी वजह
मारुति सुज़ुकी ने पिछले साल यानी साल 2023 में भारत में 2 मिलियन गाड़ियां बेचकर एक नई ऊंचाई पाई थी। इन आंकड़ों में कंपनी का अब तक का सबसे ज़्यादा निर्यात आंकड़ा भी शामिल है। कंपनी की इस तेज़ रफ़्तार बढ़ोतरी को समझने और उनकी भविष्य की योजनाओं को जानने के लिए हमने कंपनी के सीनियर इग्ज़ेक्यूटिव डिरेक्टर शशांक श्रीवास्तव से बात की।
पेट्रोल और डीज़ल की इस भीड़ में हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक और सीएनजी पर्यावरण के लिए सुरक्षित और किफ़ायती विकल्प हैं, इस बात से हम वाकिफ़ हैं। और इसी बात से पूरी तरह से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं, मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के सीनियर इग्ज़ेक्यूटिव ऑफ़िसर, मार्केटिंग और सेल्स, शशांक श्रीवास्तव। उन्होंने बताया, कि मारुति सुज़ुकी की देश के पोर्टफ़ोलियो में सीएनजी कार्स की भागेदारी 56% है। वहीं जल्द ही कंपनी की योजना है, कि देश में 25% हाइब्रिड, 15% इलेक्ट्रिक और 16% फ़्लेक्स फ़्यूल, बायोगैस का के मिश्रण वाला पोर्टफ़ोलियो होगा।
क्यों चर्चा में हैं हाइब्रिड कार्स?
इस साल के आख़िरी कुछ महीनों में यह जैपनीज़ ऑटोमेकर अपनी पांच सीटर स्विफ़्ट का हाइब्रिड वर्ज़न भारत में लॉन्च कर सकती है। वहीं ब्रेज़ा में स्मार्ट हाइब्रिड सिस्टम जोड़ा गया, जिससे इसकी फ़्यूल इफ़िशंसी में उल्लेखनीय बढ़त होगी।
कंपनी के अनुसार, माइलेज और रेंज एन्ज़ाइटी ये दोनों हाइब्रिड कार्स के चर्चित होने की बड़ी वजहें हैं। शशांक के मुताबिक़, मारुति सुज़ुकी ग्रैंड विटारा की सफलता की बड़ी वजह इसकी उम्दा फ़्यूल इफ़िशंसी है। ग़ौरतलब है, कि देश में मारुति की ग्रैंड विटारा के अलावा इनविक्टो भी हाइब्रिड लाइन अप में शामिल है। वहीं मारुति ने अब तक केवल एक ही इलेक्ट्रिक कार eVX को शोकेस किया है, जिसे वे साल के अंत तक बाज़ार में उतार सकती हैं।
हाल ही में दिल्ली में हुए भारत मोबिलिटी शो में ब्रैंड ने कम्प्रेस्ड बायोमीथेन गैस से चलने वाली ब्रेज़ा को शोकेस किया था। वहीं कंपनी की अधिकतर कार अब सीएनजी विकल्प के साथ आती है।