सबसे ज़्यादा बिकने वाली ए-सेग्मेंट में मारुति सुज़ुकी वैगन-आर पिछले कई सालों से भारतीय घरों का हिस्सा बन चुकी है। वहीं दूसरी ओर तीसरी-जनरेशन वैगन-आर को कड़ी टक्कर दे रही है नई हैचबैक सैंट्रो। दोनों ही गाड़ियां आमतौर पर पहली बार गाड़ी ख़रीद रहे ग्राहकों की पहली पसंद होती हैं, ऐसे में वे सभी गाड़ी के इंटीरियर को काफ़ी तवज्जो देते हैं। इसलिए हम यहां आपको इन दोनों गाड़ियों के इंटीरियर के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप दोनों हैचबैक्स के बीच तुलना कर सकें।
सामने का केबिन
चूंकि वैगन आर थोड़ी लंबी (तक़रीबन 45mm) है, इसलिए गाड़ी के सामने के हिस्से में ज़्यादा लेगरूम मिलता है। नीचे दिए गए टेबल से भी पता लगता है, कि वैगन आर में आपको 860mm का लेगरूम मिलता है, वहीं सैंट्रो में 820mm का लेगरूम उपलब्ध है। वहीं सीट की ऊंचाई कम होने की वजह से सैंट्रो में हेडरूम बेहतर मिलता है। सैंट्रो में हेडरूम 990mm का है और वैगन आर में 960mm का। हृयूंडे का लुक चौड़ा होने के बावजूद इसका शोल्डर रूम वैगन आर से कम है। वैगन आर में 1280mm का शोल्डर रूम मिल रहा है। कुल मिलाकर वैगन आर सपोर्टिव सीट्स, सीटिंग पोज़िशन और बड़ी खिड़की की वजह से सुविधाजनक स्पेस देता है।
पिछला केबिन
वैगन आर के आगे से लेकर पीछे तक ऊंचे रूफ़ की वजह से इसकी पिछली सीट पर भी काफ़ी जगह मिलती है। मारुति के इस मॉडल में सैंट्रो के मुक़ाबले 30mm ज़्यादा लेगरूम मिलता है। इतना ही नहीं इसमें शोल्डर रूम 1320mm का है, जबकि हृयूंडे की सैंट्रो में आपको केवल 1240mm का शोल्डर रूम उपलब्ध है। हालांकि वैगन आर की तुलना में सैंट्रो की पिछली सीट में हेडरूम ज़्यादा बेहतर है। लेकिन एक बार फिर, बड़े व कम्फ़र्टेबल सीट्स, बड़ी खिड़की ने वैगन आर की पिछली सीट को भी खुला-खुला व आरामदेह बना दिया है। हालांकि दोनों ही गाड़ियों की पिछली सीट पर तीन सवारी आराम से बैठ सकते हैं।
बूट स्पेस
वैगन आर की ऊंचाई ने इसके बूट स्पेस को बेहतर बनाया है। वैसे दोनों ही गाड़ियों की चौड़ाई एक समान है। वैगन आर का बूट स्पेस 341 लीटर का है, वहीं सैंट्रो का बूट स्पेस इसके मुक़ाबले केवल 235 लीटर का है।
निष्कर्ष
यहां हृयूंडे सैंट्रो की हार बहुत बुरी नहीं रही है, बल्कि नई-जनरेशन वैगन आर को इस मॉडल ने कड़ी टक्कर दी है। इ नई वैगन आर के खुले-खुले केबिन की वजह से इसने इस सेग्मेंट में अपनी जगह को और भी मज़बूत कर लिया है।