- भारतीय स्पेक एस-प्रेसो को साल 2020 में टेस्ट में मिली थी शून्य रेटिंग
- अगले महीने से टेस्ट प्रोटोकॉल में किए जाएंगे बदलाव
ग्लोबल एनकैप ने दक्षिण अफ्रीका में मारुति सुज़ुकी एस प्रेसो पर किए गए अपने हालिया क्रैश टेस्ट के नतीजे साझा किए हैं, जिसके तहत इस कार को तीन स्टार्स मिले हैं। आने वाले टेस्ट्स में साइड-इम्पैक्ट, ईएससी और पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा को भी शामिल किया जाएगा।
दक्षिण अफ्रीका के लिए बनी मारुति सुज़ुकी एस-प्रेसो का टेस्ट यूनिट भारत में तैयार किया गया था। इसमें दोहरे एयरबैग्स मौजूद हैं और बॉडी की बनावट को अस्थिर बताया गया है। वहीं, साल 2020 में टेस्ट किए गए इंडिया-स्पेक एस-प्रेसो को शून्य रेटिंग दी गई थी।
ग्लोबल एनकैप के अनुसार, ड्राइवर की छाती पर काफ़ी कम प्रोटेक्शन मिला और चाइल्ड प्रोटेक्शन भारतीय वर्ज़न के समान रहा। इसमें आइसोफ़िक्स, सभी सीट्स पर तीन-पॉइंट बेल्ट चाइल्ड रीस्ट्रेंट सिस्टम (सीआरएस) जैसे फ़ीचर्स की कमी के चलते चाइल्ड प्रोटेक्शन में काफ़ी ख़राब अंक हासिल किए हैं।
ग्लोबल एनकैप के सेक्रेटरी जनरल, अलेजांद्रो फ़्यूरस ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में एस-प्रेसो का सेफ़्टी परफ़ॉर्मेंस काफ़ी ख़राब रहा है और चाइल्ड प्रोटेक्शन के मामले में साल 2020 में टेस्ट किए गए भारतीय वर्ज़न के समान ही है। हमें उम्मीद है, कि सेफ़्टी के मामले में मारुति सुज़ुकी अफ्रीका और भारत के मॉडल्स में अंतर नहीं करेगी।'
अनुवाद: विनय वाधवानी