ग्रैंड विटारा का परिचय
मारुति सुज़ुकी ने आख़िरकार पिछले साल ग्रैंड विटारा को पेश कर डी-एसयूवी मार्केट में क़दम रखा था। इसे टोयोटा (अर्बन क्रूज़र हायराइडर) के साथ मिलकर तैयार किया गया है। यह फ़ुल हाइब्रिड और माइल्ड हाइब्रिड के दो पेट्रोल इंजन्स में उपलब्ध है। बता दें, कि माइल्ड हाइब्रिड सिर्फ़ एडब्ल्यूडी के साथ ही ऑफ़र की जा रही है।
अब सवाल उठता है, कि आप इन दोनों इंजन्स में से किसे चुनेंगे? उम्मीद है, कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप फ़ैसला कर पाएंगे, कि आप के लिए कौन-सा इंजन विकल्प बेहतर रहेगा।
वेरीएंट्स के विकल्प
मारुति सुज़ुकी ग्रैंड विटारा माइल्ड-हाइब्रिड सिग्मा, डेल्टा, ज़ेटा और अल्फ़ा वेरीएंट्स में उपलब्ध है। सीएनजी का विकल्प डेल्टा और ज़ेटा ट्रिम्स में ऑफ़र किया जा रहा है। दूसरी तरफ़ फ़ुल हाइब्रिड मॉडल का विकल्प ज़ेटा प्लस और अल्फ़ा प्लस ट्रिम्स में मौजूद है।
डिज़ाइन में क्या है फ़र्क?
इंजन और फ़ीचर्स में अंतर के अलावा दोनों कार्स अंदर और बाहर से लगभग एक जैसी दिखती हैं। ग्रैंड विटारा के इक्सटीरियर में बड़ा मेश ग्रिल, नीचे की तरफ़ हेडलैम्प्स, डायमंड-कट अलॉय वील्स और साइड में मज़बूत शोल्डर लाइन दिए गए हैं। पीछे कॉन्ट्रैस्ट-शेड का बम्पर, एलईडी एलिमेंट्स के साथ टेल लैम्प और पतला रूफ़ स्पॉइलर शामिल है।
ग्रैंड विटारा का केबिन मारुति की मौजूदा कार्स की ही झलक देता है। इसमें सामान्य रूप से स्टीयरिंग वील, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, 9.0-इंच का टचस्क्रीन इंफ़ोटेन्मेंट सिस्टम, स्टॉक्स व बटन्स के फ़ीचर्स मौजूद हैं, वहीं दोनों के अपहोल्स्ट्री के रंग और मटिरियल में फ़र्क दिख जाता है।
कौन-कौन से हैं फ़ीचर्स?
बात करें फ़ीचर्स की, तो इसमें 360-डिग्री कैमरा, पीछे एसी वेन्ट्स, वायरलेस ऐप्पल कारप्ले व ऐंड्रॉइड ऑटो के साथ स्मार्टप्ले इंफ़ोटेन्मेंट सिस्टम, 40 से ज़्यादा फ़ीचर्स के साथ सुज़ुकी कनेक्ट, स्मार्टवॉच व अलेक्सा कनेक्टिविटी, पैनॉरमिक सनरूफ़ और एम्बिएंट लाइटिंग दिए गए हैं। साथ ही फ़ुली हाइब्रिड अल्फ़ा वर्ज़न में टायर प्रेशर को जांचने वाला सिस्टम, ऑटो डिमिंग आईआरवीएम, वेन्टिलेटेड सीट्स, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, हेड्स-अप डिस्प्ले और वायरलेस चार्जर के फ़ीचर्स मिल जाते हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों वर्ज़न में छह एयरबैग्स, टीपीएमएस, ईएसपी, हिल होल्ड, हिल डिसेंट, सभी यात्रियों के लिए तीन-पॉइंट सीट बेल्ट्स और आइसोफ़िक्स चाइल्ड सीट जैसे सुरक्षा फ़ीचर्स ऑफ़र किए जा रहे हैं।
इंजन विकल्प के बारे में
माइल्ड हाइब्रिड
माइल्ड हाइब्रिड में पांच-स्पीड मैनुअल व छह-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक के साथ 1.5-लीटर K15C पेट्रोल इंजन है, जो 102bhp का पावर और 136Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। इसमें सीएनजी का भी विकल्प है, जो 87bhp का पावर और 121.5Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें सिर्फ़ पांच-स्पीड मैनुअल यूनिट को जोड़ा गया है। बता दें, कि माइल्ड हाइब्रिड इंजन में ऑलग्रिप एडब्ल्यूडी का विकल्प सिर्फ़ फ़ुली लोडेड अल्फ़ा ट्रिम में ही मौजूद है।
फ़ुल हाइब्रिड
फ़ुल हाइब्रिड सिस्टम में 1.5-लीटर का इंजन है, जिसमें ई-सीवीटी व इलेक्ट्रिक मोटर दिया गया है। पेट्रोल इंजन 91bhp का पावर और 122Nm का टॉर्क जनरेट करता है। दूसरी तरफ़ इलेक्ट्रिक मोटर 79bhp का पावर और 141Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है।
कितना देती है माइलेज?
स्टैंडर्ड पेट्रोल मोड में यह 21.11 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है, वहीं सीएनजी मोड में इसका माइलेज 26.6 किमी प्रति किलोग्राम है। दूसरी तरफ़ ऑलग्रिप एडब्ल्यूडी सिस्टम 19.38 किमी प्रति लीटर की दूरी तय करता है।
फ़ुल हाइब्रिड इंजन का माइलेज 27.97 किमी प्रति लीटर है, जो 45-लीटर फ़्यूल टैंक के साथ 1258.6 किमी का रेंज देता है।
क़ीमत और प्रतिद्वंदी
अल्फ़ा 1.5 माइल्ड-हाइब्रिड पेट्रोल की क़ीमत 17.05 लाख रुपए है, वहीं अल्फ़ा प्लस फ़ुल हाइब्रिड की क़ीमत 19.65 लाख रुपए से शुरू है। दोनों प्रीमियम फ़ुल हाइब्रिड इंजन में 2.60 लाख रुपए का अंतर है।
इसकी टक्कर हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, एमजी हेक्टर, टोयोटा अर्बन क्रूज़र हायराइडर, फ़ॉक्सवैगन टाइगन और स्कोडा कुशाक से है।
अनुवाद- धीरज गिरी