- मारुति सुज़ुकी एस-प्रेसो पर किए गए थे टेस्ट
- वयस्क सुरक्षा के लिए एस-प्रेसो को मिला शून्य और चाइल्ड ऑक्यूपेंट की सुरक्षा के लिए मिलें दो-स्टार्स
मारुति सुज़ुकी एस-प्रेसो को हालिया ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट के दौरान शून्य स्कोर मिला है। एस-प्रेसो के स्टैंडर्ड बेस वेरीएंट में केवल एक एयरबैग, ड्राइवर की ओर दिया गया था। क्रैश रिपोर्ट के अनुसार, वयस्क ड्राइवर और पैंसेजर के सिर के लिए दी गई सुरक्षा तो ठीक थी, लेकिन गर्दन और छाती के लिए क्रैश इम्पैक्ट में दी गई सुरक्षा ख़राब रही। यहां तक कि ड्राइवर के घुटने भी काफ़ी प्रभावित हुए थे।
वहीं, एस-प्रेसो ने बच्चों की सुरक्षा में दो स्टार हासिल किए हैं। गाड़ी में तीन-पॉइंट सीट बेल्ट और आइसोफ़िक्स ऐंकरेजेस भी नहीं दिए गए हैं। गाड़ी के स्ट्रक्चर को अस्थिर बताया गया है और इसमें काफ़ी सुधार लाने की संभावना भी जताई गई है। इस प्रोग्राम में फ़िलहाल भारतीय गाड़ियों की सामने से टक्कर होने पर सुरक्षा के बारे में ही जांच की जा रही है। ग़ौरतलब है, कि मारुति सुज़ुकी देश की सबसे बड़ी कार बिक्रेता कंपनी है। वहीं दूसरी ओर टाटा, महिंद्रा कई ऐसे विकल्प बाज़ार में हैं, जो ग्लोबल एनकैप टेस्ट्स में अच्छी रेटिंग्स पा चुके हैं।
अलेजैंड्रो फ़ुरस, सेक्रेटरी जनरल, ग्लोबल एनकैप ने कहा, “यह बेहद दुखद है, कि भारतीय बाज़ार का एक बड़ा शेयर पाने वाली मारुति सुज़ुकी ने सुरक्षा के मामले में इतना ख़राब प्रदर्शन किया है। महिंद्रा और टाटा की तरह घरेलू मैन्युफ़ैक्चसर्स ने ग्राहकों की सुरक्षा का बहुत अच्छा ख़्याल रखने की कोशिश की है। दोनों को सुरक्षा परफ़ॉर्मेंस में पांच-स्टार मिले हुए हैं। निश्चित तौर पर वक़्त आ चुका है, कि मारुति सुज़ुकी अपनी गाड़ियों में सुरक्षा पर फ़ोकस करे।”