- मारुति की स्विफ़्ट है सबसे ज़्यादा बिकने वाली मॉडल
- कुल 2 लाख यूनिट्स की डिलिवरी होनी है बाक़ी
मारुति ने पिछले 12 महीनों में अपनी एसयूवी बॉडी स्टाइल रेंज में तीन नए वीइकल्स को जोड़ा है। कार निर्माता द्वारा उठाया गया यह क़दम ख़ासकर शहरी क्षेत्रों में उसके भविष्य के विकास को ज़्यादा बढ़ावा दे सकता है। हालांकि शहरों में हाई-राइडिंग वीइकल्स को ज़्यादा पसंद किया जाता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मारुति के गैर-एसयूवी मॉडल्स का दबदबा अभी तक बना हुआ है।
इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक मारुति ने 2.21 लाख यूनिट्स हैचबैक्स, सिडैन्स और एमपीवीज़ बेचीं। हालांकि एसयूवी मॉडल्स की बिक्री 81,500 यूनिट रही है, जो कि पिछले साल की तुलना में ज़्यादा है। इन बिक्री आंकड़ों से पता चलता है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में 11 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 8 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-एसयूवी मॉडल्स की ज़्यादा मांग के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से पहला कारण मारुति ने बताया है, कि पहली बार कार ख़रीदने वाले ग्राहकों के लिए एंट्री-लेवल एसयूवी की क़ीमत ज़्यादा महंगी है। साथ ही मारुति के पास एसयूवी रेंज में डीज़ल का विकल्प नहीं है ख़ासकर प्रीमियम कार्स के लिए, जो कि एक मुख्य कारण है। मौजूदा समय में हुंडई, किआ और एमजी के पास डीज़ल से चलने वाली कई प्रीमियम कार्स हैं।
इसके अलावा इस ट्रेंड में बदलाव की उम्मीद है, जिसके पीछे का कारण इस वित्तीय वर्ष की पहली दो तिमाही में ग्रामीण क्षेत्रों में मारुति की छोटी कार्स की हिस्सेदारी में 5 प्रतिशत कमी है और यह 48 प्रतिशत से घटकर 43 प्रतिशत हो गई है।
बदलते इमिशन नियमों की वजह से डीज़ल कार्स और भी महंगी हो जाएंगी। साथ ही पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बायोगैस कार्स में निवेश करना मारुति सुज़ुकी के लिए फायदेमंद सबित हो सकता है और यह ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी एसयूवी की बिक्री को बढ़ावा दे सकती है।
अनुवाद: गुलाब चौबे