- दो इंजन विकल्प में है उपलब्ध
- पहली बार साल 1999 में हुआ था लॉन्च
मारुति सुज़ुकी की लोकप्रिय कार वैगन आर के ऑटोमैटिक वेरीएंट्स की मांग इस वित्तीय वर्ष में तेजी से बढ़ी है। कंपनी ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस साल इसके दो-पैडल वेरीएंट्स की डिमांड में 20% का इज़ाफ़ा हुआ है। ख़ास बात यह है कि यह बढ़ोतरी दोनों इंजन विकल्पों (1.0-लीटर और 1.2-लीटर) में देखने को मिली है, हालांकि 1.0-लीटर वेरीएंट की मांग ज़्यादा रही है।
क्यों बढ़ रही है डिमांड?
मारुति के अनुसार, ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रैंस्मिशन (एएमटी) या जैसा कि कंपनी इसे एजीएस (ऑटो गियर शिफ़्ट) कहती है, शहरों में बढ़ते ट्रैफ़िक और इसकी किफ़ायती क़ीमत की वजह से लोगों को ज़्यादा आकर्षित कर रहा है।
1.0-लीटर VXi वेरीएंट में मैनुअल और ऑटोमैटिक ऑप्शन के बीच सिर्फ़ 45,000 रुपए का अंतर है। यह क़ीमत ग्राहकों के बजट के भीतर है।
1.2-लीटर इंजन में एएमटी सिर्फ़ ZXi और ZXi+ वेरीएंट्स में उपलब्ध है, जबकि 1.0-लीटर में यह ऑप्शन VXi वेरीएंट तक ही सीमित है।
वैगन आर की शानदार सफलता की वजह?
वैगन आर ने भारत में अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं। 1999 में लॉन्च होने के बाद से अब तक इसके 32 लाख से ज़्यादा यूनिट्स बेचे जा चुके हैं। साथ ही इसका मौजूदा जनरेशन 2019 में लॉन्च हुआ था और 2022 में इसका अपडेटेड वर्ज़न पेश किया गया।
ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक का महत्व
शहरी ग्राहकों के लिए एएमटी का विकल्प बेहद फ़ायदेमंद साबित हो रहा है। बिना ज़्यादा ख़र्च के यह उन्हें बेहतर ड्राइविंग सुविधा और कम थकावट का एक्सपीरियंस देता है।
तो अगर आप भी ट्रैफ़िक में आसानी से ड्राइव करना चाहते हैं, तो वैगन आर के ऑटोमैटिक वेरीएंट्स आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है।
अनुवाद: गुलाब चौबे