हाल ही में लॉन्च हुई महिंद्रा बोलेरो नियो भारत में कॉम्पैक्ट एसयूवी सेग्मेंट में मौजूद टाटा नेक्सॉन जैसी गाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रही है। हाल ही में, क़ीमतों में बढ़ोतरी और कार बाज़ार की कमज़ोर स्थिति के चलते निचले वेरीएंट्स की मांग काफ़ी बढ़ रही है। इस बार, हम बोलेरो नियो और नेक्सॉन XE के एंट्री-लेवल वेरीएंट्स की तुलना कर रहे हैं।
महिंद्रा बोलेरो नियो N4 और टाटा नेक्सॉन XE वेरीएंट्स में ऑफ़र किए जा रहे स्टैंडर्ड फ़ीचर्स की अधिक जानकारी नीचे दी गई है।
इक्सटीरियर
एंट्री लेवल मॉडल्स में साधारण लुक के साथ स्टैंडर्ड फ़ीचर्स देखने को मिलते हैं। महिंद्रा बोलेरो नियो में बॉडी के रंग के बम्पर्स, सिग्नेचर बोलेरो साइड क्लैडिंग और बॉडी-रंग का स्पेयर वील कवर जैसे स्टैंडर्ड फ़ीचर्स हैं। इस वेरीएंट में ग्रिल पर क्रोम हाईलाइट्स, मुड़ने वाली हेडलैम्प्स, साइड स्टेप, फ़ॉग लैम्प्स, अलॉय वील्स, स्पॉयलर, दोहरे-रंग के ओआरवीएम्स और वील आर्च क्लैडिंग जैसे फ़ीचर्स को शामिल नहीं किया गया है।
टाटा नेक्सॉन XE के इक्सटीरियर में तीन-ऐरो वाले डीआरएल्स के साथ प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स, तीन-ऐरो वाले सिग्नेचर एलईडी टेल लैम्प्स और बिना कवर के स्टील वील्स जैसे फ़ीचर्स मौजूद हैं। इस बेस वेरीएंट में रूफ़ रेल्स, बीच में एन्टिना, अलॉय वील्स, फ़ॉलो-मी-होम हेडलैम्प्स जैसे फ़ीचर्स देखने को नहीं मिलेंगे।
इंटीरियर
महिंद्रा बोलेरो नियो के इंटीरियर में इटैलियन इंटीरियर थीम और विनाइल सीट अपहोल्स्ट्री के साथ काफ़ी आकर्षक दिखाई देता है। इसके N4 वेरीएंट में 3.5-इंच एलसीडी क्लस्टर डिस्प्ले और ट्विन-पॉड इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर ऑफ़र किया जा रहा है। इसके आगे के रो में रूफ़ लैम्प और बीच के कंसोल पर ऊपर के वेरीएंट्स में पियानो ब्लैक ट्रीटमेंट की जगह पर साधारण फ़िनिश मौजूद है। बता दें, कि बेस वेरीएंट में दूसरे रो पर मुड़ने वाली सीट्स को शामिल नहीं किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए, N4 वेरीएंट में ईको मोड के साथ एसी, सेंट्रल लॉकिंग और पावर स्टीयरिंग जैसे फ़ीचर्स हैं।
टाटा नेक्सॉन XE में फ़ैब्रिक अपहोल्स्ट्री, पूरी तरह से डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, फ़्लैट-बॉटम स्टीयरिंग वील और आगे के डोर्स पर अम्ब्रेला होल्डर्स जैसे फ़ीचर्स ऑफ़र करती है। इसके एंट्री-लेवल वेरीएंट आगे पावर विंडोज़, तो वहीं पीछे मैनुअल विंडोज़ को जोड़ा गया है। दिलचस्प बात यह है, कि पीछे की सीट्स में पूरी तरह से मुड़ने की सुविधा दी गई है। आरामदायक राइड के लिए, XE वेरीएंट में एसी और पंक्चर रिपेयर किट जैसे फ़ीचर्स हैं।
इंजन
बोलेरो नियो में 1.5-लीटर एमहॉक 100 डीज़ल इंजन है, जो 3,750rpm पर 100bhp का पावर और 1,750rpm पर 260Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। इसमें पांच-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स को जोड़ा गया है। इस कॉम्पैक्ट एसयूवी में मल्टी- टेरेन टेक्नोलॉजी के साथ रियर-वील-ड्राइव सिस्टम है, जो बेहतर परफ़ॉरमेंस देने में मदद करता है। इसमें ईएसएस (माइक्रो-हाइब्रिड) और ईको मोड की मदद से अच्छी फ़्यूल इफ़िशियंसी मिलती है।
टाटा नेक्सॉन में 1.2-लीटर टर्बोचार्ज्ड रेवोट्रॉन पेट्रोल इंजन है, जो 5,500rpm पर 117bhp का पावर और 1,750 से 4,000rpm के बीच 170Nm का टॉर्क जनरेट करता है। दूसरा, इसमें 1.5-लीटर टर्बोचार्ज्ड रेवोटॉर्क डीज़ल इंजन है, जो 4,000rpm पर 107bhp का पावर और 1,500 से 2,750rpm के बीच 260Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। दोनों ही इंजन्स के साथ छह-स्पीड मैनुअल ट्रैंस्मिशन को जोड़ा गया है। यह कार इको, सिटी और स्पोर्ट के मल्टी-ड्राइव मोड्स में ऑफ़र की जा रही है।
सेफ़्टी
सेफ़्टी की बात करें, तो बोलेरो नियो में आगे दोहरे एयरबैग्स, ईबीडी के साथ एबीएस, कॉर्नर ब्रेकिंग कंट्रोल, रिवर्स पार्किंग असिस्ट, स्पीड अलर्ट और सीट बेल्ट रिमाइंडर जैसे फ़ीचर्स हैं।
नेक्सॉन NE में आगे दोहरे एयरबैग्स, ईबीडी के साथ एबीएस, इलेक्ट्रिक स्टेब्लिटी प्रोग्राम, इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल-होल्ड कंट्रोल, रोल-ओवर मिटिगेशन, हाइड्रोलिक ब्रेक असिस्ट, आइसोफ़िक्स, इलेक्ट्रिक ब्रेक प्री-फ़िल और ब्रेक डिस्क वाइपिंग जैसे सेफ़्टी फ़ीचर्स हैं।
निष्कर्ष
महिंद्रा बोलेरो नियो N4 की क़ीमत 8.48 लाख रुपए है, तो वहीं नेक्सॉन डीज़ल की क़ीमत 8.59 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है। दूसरी तरफ़, नेक्सॉन के पेट्रोल वर्ज़न की क़ीमत 7.28 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है। दोनों ही कॉम्पैक्ट एसयूवीज़ की अपनी अलग पहचान है, जहां बोलेरो में सात-सीट्स मिलती हैं, तो वहीं नेक्सॉन में सिर्फ़ पांच-सीट सेटअप का विकल्प मिलता है।
परफ़ॉरमेंस और सेफ़्टी की बात करें, तो नेक्सॉन में बोलेरो नियो से ज़्यादा बेहतर सेफ़्टी विकल्प मिलते हैं। बोलेरो नियो एक मज़बूत कार है, जो मेंटेन करने में काफ़ी आसान है। बता दें, कि नेक्सॉन शहरी ख़रीदारों को आकर्षित करती है, तो वहीं बोलेरो नियो अर्ध शहरी और ग्रामीण बाज़ार में एक पसंदीदा विकल्प है। इसलिए, ग्राहक अपनी पसंद और ज़रूरतों के मुताबिक़ कोई भी सब-फ़ोर मीटर एसयूवी चुन सकते हैं।
अनुवाद: विनय वाधवानी