- देश में बनी दूसरी कार जापान में की जाएगी पेश
- 1.5-लीटर का चार सिलेंडर वाला इंजन होगा मौजूद
अक्सर आपने सुना होगी कि कई ब्रैंड्स की कार्स सीबीयू रुट से भारत लाई जाती हैं। लेकिन इस स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर हम आपको एक बड़ी खु़शख़बरी देने जा रहे हैं। आपको बता दें कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाते हुए अब देश में बनी मारुति फ्रॉन्क्स, जल्द ही विदेश में दौड़ती नज़र आने वाली है। इसके लिए इंडो-जैपनीज़ ऑटोमेकर ने अपने गुजरात स्थित प्लांट में तैयार की गई फ्रॉन्क्स की पहली खेप को जापान भेज दिया है।
ग़ौरतलब है कि भारत फ्रॉन्क्स का अंतरराष्ट्रीय हब है। जहां दाहिने और बाएं दोनों ओर से ड्राइव की जाने वाली कार्स तैयार की जाती हैं। इसके अलावा देश में भी इस ब्रैंड की काफ़ी ज़्यादा मांग है। बता दें कि अगस्त के आख़िर तक इस कार को जापानी कार बाज़ार में उतार दिया जाएगा।
हालांकि, जैपनीज़ बाज़ार के लिए तैयार की जाने वाली इन कार्स को इंटीरियर, इक्सीटीरियर और फ़ीचर्स के मामले में कई हद तक लगभग एक जैसा ही रखा गया है। लेकिन इनमें सबसे बड़ा अंतर इंजन के मामले में देखने को मिलेगा। जहां भारत-स्पेक फ्रॉन्क्स में 1.0-लीटर टर्बो व 1.2-लीटर वाला इंजन मौजूद होता है, वहीं जैपनीज़ -स्पेक में 1.5-लीटर वाला पेट्रोल इंजन उपलब्ध होगा, जो कि भारत में आर्टिगा और ब्रेज़ा जैसी कार्स में देखने को मिलता है।
यह इंजन 103bhp का पावर व 138Nm का टॉर्क प्रोड्यूस करने में सक्षम होता है। भारत में इस इंजन को पांच-स्पीड वाले मैनुअल या छह-स्पीड वाले टॉर्क-कन्वर्टर ऑटोमैटिक विकल्प के साथ पेश किया जाता है। बता दें कि जापानी फ्रॉन्क्स में ऑटोमैटिक विकल्प देखने को मिलेगा। इसके साथ ही जापानी कार्स में फ्रंट-वील ड्राइव और रियर-वील ड्राइव का विकल्प भी उपलब्ध होता है।
ध्यान देने वाले बात यह भी है कि सुज़ुकी ने साल 2016 में सबसे पहले भारत में तैयार की गई बलेनो को जापान के बाज़ार में उतारा था। इसके बाद फ्रॉन्क्स अब दूसरा ऐसा मॉडल होगा, जिसे भारत में तैयार किए जाने के बाद जापान, दक्षिण अफ्रीका व खाड़ी देशों समेत, वैश्विक बाज़ार में लॉन्च किया जाएगा।
अनुवाद - शोभित शुक्ला