- बंदरगाहों के आसपास की जाएगी रीसाइकलिंग की व्यवस्था
- भारत आने वाले पांच सालों में बन सकता सबसे ज़्यादा ऑटोमोबाइल मैन्युफ़ैक्चर वाला केंद्र
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार जल्द ही वीइकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी की शुरुआत कर सकती है। इसके रीसाइकल करने की व्यवस्था बंदरगाहों के आसपास की जाएगी। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर ज़ोर देकर कहा, कि भारत आने वाले पांच सालो में सबसे ज़्यादा ऑटोमोबाइल मैन्युफ़ैक्चरर का केंद्र बन सकता है। यह नई स्क्रैपेज पॉलिसी पुरानी कारों, बसों और ट्रकों पर लागू होगी।’’
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार देश के सारे बंदरगाहों को 18 मीटर तक गहरा करेगी, ताकि इन बंदरगाहों में ऑटोमोबाइल्स को रखने और रीसाइकलिंग के लिए प्लांट्स की स्थापना कर सके। यह भी उम्मीद जताई, कि रीसाइकल हुआ मटेरियल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए काफ़ी उपयोगी साबित होगा और इससे कारों, बसों और ट्रकों के मैन्युफ़ैक्चरिंग पर होने वाले ख़र्चों को कम किया जा सकेगा, जिसका लाभ भारत को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी मिलेगा। साथ में नितिन गडकरी ने यह भी कहा, ‘‘भारत अगले पांच सालों में हर तरह के फ़्यूल जैसे इथेनॉल, मीथेनॉल, बायो-सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ़्यूल सेल से चलने वाली कारों, बसों और ट्रकों के सबसे ज़्यादा होने वाले मैन्युफ़ैक्चर का केंद्र बन सकता है।’’
कुछ एक्स्पर्ट्स का कहना है, कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने स्क्रैपेज पॉलिसी से जुड़े दिशा-निर्देश अक्टूबर 2019 को ही जारी कर दिए गए हैं, लेकिन अभी इसमें काफ़ी काम करना बाक़ी है। मीडिया ने यह दावा किया है, कि स्क्रैपेज पॉलिसी से जुड़े जो दिशा-निर्देश आए हैं, वह इस व्यवसाय में आने वालों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद हो सकते हैं।