- प्रदूषण को घटाने के लिए पेश किए जाने वाले BS6 फ़्यूल पर प्रीमियत चार्ज किया जा सकता है
- संभवत: BS6 पेट्रोल की क़ीमत 0.80 रुपए और डीज़ल की क़ीमत 1.50 रुपए बढ़ सकती है
भारत सरकार ऑयल कंपनीज़ को पेट्रोल और डीज़ल पर प्रीमियम चार्ज करने की इज़ाजत दे सकती है। BS6 नियमों के अनुरूप तैयार किए गए पेट्रोल व डीज़ल पर्यावरण को कम प्रदूषित करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो सार्वजनिक और निजी दोनों सेक्टर्स की ऑयल कंपनीज़ ने पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से फ़्यूल की क़ीमतों को बढ़ाने की गुहार लगाई है। यह मांग BS6 नियमों के अनुरूप पेट्रोल व डीज़ल प्रोड्यूस करने में लगने वाली बढ़ी लागत का कुछ हिस्सा वसूलने के लिए की गई है।
यदि सरकार यह प्रपोज़ल स्वीकारती है, तो ग्राहकों को पेट्रोल व डीज़ल की थोड़ी बढ़ी क़ीमत चुकानी पड़ सकती है। पेट्रोल की क़ीमत 0.80 रुपए और डीज़ल की क़ीमत में अगले पांच सालों के लिए 1.50 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ महीनों से कम मांग होने की वजह से ग्लोबल मार्केट में काफ़ी गिरावट आई है। इसीलिए कुछ समय से पेट्रोल व डीज़ल की क़ीमतों में कमी आई है।
पब्लिक सेक्टर रिफ़ाइनरीज़ कंपनीज़ (इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम) ने 80,000 करोड़ के क़रीब का ख़र्च BS6 स्तर की रिफ़ाइनरी तैयार करने में किया है। वहीं नायरा एनर्जी (एस्सर ऑयल के नाम से जानी जाने वाली) और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ जैसी प्राइवेट रिफ़ाइनरीज़ ने अप्रैल 2020 से लागू होने वाले BS6 नियमों के अनुरूप फ़्यूल तैयार करने के लिए काफ़ी ख़र्च किया है।
स्रोत: एएनआई