देश की प्राथमिक संस्था फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर असोसिएशन (फ़ाडा) ने लॉकडाउन के कारण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज़ की सहायता के लिए अपनी कुछ मांगें दोबारा रखी हैं।
प्रधानमंत्री को लिखते हुए फ़ाडा ने कहा, इस कठिन दौर में ऑटो इंडस्ट्री और उससे जुड़े कार और बाइक डीलर्स को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंचा है। इसके लिए फ़ाडा ने वर्किंग कैपिटल से मदद मांगी है, ईएसआईसी के माध्यम से कर्मचारियों के पगार का भुगतान करने और इंडस्ट्री को दबाव से उबारने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) से सहायता की मांग की है।
इसके अलावा सरकार से जीएसटी अस्थाई समय के लिए कम करने और वित्तीय वर्ष 2021 में विमूल्यन (डिप्रीशिएशन) में ज़्यादा छूट की मांग रखी है। केंद्रीय सरकार ने वर्ष 2016 में स्क्रैपेज पॉलिसी पर काम करने का ऐलान किया था। फ़ाडा की मांग है, कि इस संकट को देखते हुए इस पॉलिसी को जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद लोग अपनी पुरानी गाड़ी को ठिकाने लगाने के लिए प्रोत्साहित हों। इसके अलावा ऑटो इंडस्ट्री को भी प्राथमिक सेक्टर से जोड़ने की मांग रखी गई है, जिससे रीटेल और होलसेल दोनो में पैसे की लेन-देन आसानी से किया जा सके।
सोसायटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफ़ैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार ऑटो की बिक्री में 35 प्रतिशत तक भारी गिरावट आई है। वहीं वित्तीय वर्ष 2020 की बात करें, तो इसमें 18 प्रतिशत की कमी देखी गई है।