- पैसेंजर ई-रिक्शा की बिक्री में 57% तक की बढ़त
- सामान ढोने के लिए भी इस्तेमाल हो रही ई-रिक्शा
टियर-2 और टियर-3 शहरों में ई-रिक्शा और ऑटो का चलन पिछले कुछ सालों में ख़ूब बढ़ा है। अब इस बात की गवाही सिर्फ़ सड़कों पर ज़्यादा नज़र आती ई-रिक्शा और ऑटो नहीं देती है, बल्कि आंकड़ें भी इसकी पुष्टि करते हैं। ई-रिक्शा और ऑटो में भी पैसेंजर और गुड्स यानी सामान ढोने के लिए इस्तेमाल होने वाली तीन-पहिया शामिल हैं।
छोटे शहरों में ई-रिक्शा ने मचाया धमाल
फ़ाडा की रिपोर्ट के अनुसार, सवारियों यानी पैसेंजर्स के लिए चलने वाली ई-रिक्शा की बिक्री में पिछले साल अगस्त के मुक़ाबले 57.73% की बढ़त हुई है। पिछले साल इस सेग्मेंट में 29,274 रिक्शा बिकी थीं, वहीं अगस्त 2023 में 46,174 ई-रिक्शा की बिक्री हुई है।
वहीं अगर कार्ट के साथ आने वाले ई-रिक्शा की बात करें, जिसमें सामान ढोया जा सकता है, कि बिक्री में साल-दर-साल की बिक्री में 114.04% की बढ़त हुई है। कार्ट के साथ आने वाली ई-रिक्शा की अगस्त 2022 में 1,446 यूनिट्स बिके थे, वहीं पिछले महीने यह आंकड़ा 3,095 यूनिट्स तक पहुंच गया है।
एक फ़ुल चार्ज में पूरे दिन चलने वाली ई-रिक्शा
ग़ौरतलब है, कि 90,000 रुपए की शुरुआती क़ीमत में पैसेंजर ई-रिक्शा आती है, जिसमें चार लोग आराम से बैठ सकते हैं। सारथी डीलएक्स, बजाज आरई ई-टेक 9.0, वाईसी इलेक्ट्रिक यात्री सुपर, बाहुबली ई-रिक्शा, सारथी प्लस जैसे कई मॉडल्स बाज़ार में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। 70 से 120 किमी तक का रेंज देने वाली ये ई-रिक्शा शहर के अंदर सफ़र करने के लिए काफ़ी किफ़ायती विकल्प हैं। इन्हें चार्ज होने में भी तक़रीबन 4-5 घंटे का समय लगता है। इनकी अधिकतम स्पीड 25 किमी प्रति घंटे तक के आसपास होती है।
सामान भी ढो रही है ई-रिक्शा
कार्गो वाली ई-रिक्शा में महिंद्रा ई अल्फ़ा कार्गो, ज़ोर ग्रैंड, बजाज मैक्सिमा कार्गो ईटीईसी 9.0, अल्टीग्रीन नीव लो डेक जैसे मॉडल्स शामिल हैं। जिनकी क़ीमत 1.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक जाती है। इनकी रेंज पैसेंजर ई-रिक्शा से थोड़ी ज़्यादा तक़रीबन 80 से 150 किमी तक की होती है। साथ ही इसकी अधिकतम स्पीड भी पैसेंजर वीइकल्स के मुक़ाबले ज़्यादा होती है।