- इलेक्ट्रिक वीइकल्स को मिली अच्छी प्रतिक्रिया
- 54 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों ने इस साल गाड़ी ख़रीदने की जताई इच्छा
- क़रीब 60 प्रतिशत ऑनलाइन ख़रीदारी की उम्मीद
कोरोना वायरस महामारी के दौरान ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को सबसे ज़्यादा मार झेलनी पड़ी है। भारत की सबसे बड़ी ऑटो मीडिया कारवाले ने इस सेक्टर में आगे की राह को समझने के लिए चार पहिया व दो पहिया वाहनों के लिए ग्राहकों की इच्छा जानने की कोशिश की है। सिएट टायर, इंडसइंड बैंक और फ्रॉस्ट एंड सुलिवन द्वारा इंडियन ऑटोमोटिव कंज़्यूमर कैनवस का आयोजन किया गया, जिससे इस सर्वे में कुल 2,02,334 प्रतिक्रियाएं आई हैं। आईएसीसी सर्वे 2021 के दौरान सामने आई कुछ प्रमुख बातें-
इलेक्ट्रिक कार के प्रति दिखा झुकाव
सर्वे के दौरान पता चला है, कि क़रीब 35 प्रतिशत ग्राहकों ने अगली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी ख़रीदने की इच्छा जताई है। इस मांग के बढ़ने के कई कारण सामने आए हैं। वहीं 55 प्रतिशत का मानना है, कि यह बेहतर प्रॉडक्ट विकल्प है, 39 प्रतिशत का मानना है, कि इसमें बेहतर टेक्नोलॉजी है और 31 प्रतिशत लोगों का मानना है, कि यह सस्ती है। लेकिन बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ना होने की वजह से ग्राहक इससे निराश हैं। सच्चाई भी यही है, कि अभी लगभग 50 प्रतिशत शहरों में चार्जिंग की सुविधा मौजूद नहीं है।
इस्तेमाल किए गए कार्स की बढ़ी मांग
आज के मार्केट की स्थिति को देखते हुए भारतीय कार ग्राहकों की रुचि नई कार के बदले इस्तेमाल की गई कार्स पर बढ़ी है। क़रीब 18 प्रतिशत ऐसे ग्राहक हैं, जो सेकेंड हैंड कार को ख़रीदना पसंद करेंगे।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का रहा बोलबाला
इस महामारी ने पूरी दुनिया को बदल दिया है और अब घर बैठे ही ग्राहकों की हर ज़रूरतों को बड़ी आसानी से पूरा किया जा रहा है। महामारी में भी काम को सुचारू रूप से चलाने में ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 48 प्रतिशत लोगों का रुझान ऑनलाइन पर मिलने वाली बेहतर डील्स की ओर रहा है। वहीं 45 प्रतिशत का मानना है, यह काफ़ी सुविधाजनक है और 27 प्रतिशत का मानना है, कि इससे वाहन निर्माताओं के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसके अलावा 26 प्रतिशत ग्राहक घर बैठे ही गाड़ी ख़रीदना पसंद करेंगे और 13 प्रतिशत हाइजिन की वजह से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को अपनाना पसंद करेंगे।
दूसरी तरफ़ 65 प्रतिशत ग्राहक शोरूम्स में जाकर ही कार ख़रीदना पसंद करेंगे, वहीं 29 प्रतिशत ग्राहकों का मानना है, कि सीधे डीलरशिप्स से जुड़ना बेहतर विकल्प है।
ख़रीदारी रही कम
कोरोना महामारी के चलते मार्केट की स्थिति काफ़ी ख़राब रही और ऐसे में 77 प्रतिशत ग्राहकों ने साल 2020 में कार ना ख़रीदने का फ़ैसला किया है। साल 2021 में कोरोना का टीका उपलब्ध होने से मार्केट थोड़ा बेहतर होता नज़र आ रहा, जिससे 54 प्रतिशत गाड़ी की ख़रीदारी में सुधार देखने को मिल रहा है, वहीं 34 प्रतिशत अभी भी इस वर्ष गाड़ी ख़रीदने के इच्छुक नहीं है। दिलचस्प बात यह है, कि केवल 9 प्रतिशत ग्राहक सार्वजनिक परिवहन से चलना पसंद करते हैं।
बढ़े फ़ाइनेंस के विकल्प
क़रीब 56 प्रतिशत ग्राहक राष्ट्रीय बैंक्स से, वहीं 19 प्रतिशत ग्राहकों ने प्राइवेट संस्थानों से फ़ाइनेंस करने की इच्छा जताई है। सर्वे से यह भी पता चला है, कि 17 प्रतिशत ग्राहक निजी बचत और नक़दी, वहीं 8 प्रतिशत मौजूदा वाहन को एक्सचेंज करना पसंद करेंगे। मार्केट के उतार चढ़ाव को देखते हुए ग्राहक सोच-समझकर जहां जोखिम कम हो उस विकल्प से गाड़ियों को फ़ाइनेंस कर रहे हैं।
पसंद के अनुसार किए गए चुनाव
इस दौरान क़रीब 21 प्रतिशत कॉम्पैक्ट एसयूवी की मांग रही, वहीं 19 प्रतिशत बाइक्स की मांग रही। साथ ही 17 प्रतिशत लोगों ने हैचबैक ख़रीदने की इच्छा जताई है, वहीं 12 प्रतिशत स्कूटर्स के इच्छुक रहे हैं।
कारवाले व बाइकवाले के सीईओ बनवारी लाल शर्मा ने कहा, ‘‘ इस सर्वे के नतीजे पिछले साल अप्रैल में कारवाले द्वारा किए गए हमारे पहले सर्वे के सही होने की ओर इशारा करता है। पहले सर्वे में हमने यह अनुमान लगाया था, कि आने वाले वर्ष की आख़िरी तिमाही में गाड़ियों की मांग बढ़ेगी। इस बार के सर्वे के अनुसार हम यह बदलाव देख रहे हैं। सबसे अच्छी बात यह रही, कि 60 प्रतिशत ग्राहकों ने ऑनलाइन ख़रीदारी की इच्छा जताई है। आज भारत पूरी तरह से ऑनलाइन सेवा का लाभ उठा रहा है। ऑनलाइन द्वारा पहली बार गाड़ी ख़रीद रहे ग्राहकों की संख्या सबसे ज़्यादा रही है।’’