- ओमिक्रॉन वायरस के चलते अगला वर्ष भी रहेगा साधारण
- साल 2023 तक इंडस्ट्री कर सकेगी पूरी तरह से वापसी
ऑटो इंडस्ट्री को कोरोना महामारी की मार झेलनी पड़ी है, जिससे साल 2020 में हुए लॉकडाउन के चलते सेल्स में काफ़ी गिरावट आई थी। साल 2020 के अंत तक इंडस्ट्री के सेल्स में थोड़ी वृद्धि देखने को मिली। उसके बाद साल 2021 की शुरुआत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने से सेल्स एक बार फिर प्रभावित हुआ।
वैश्विक स्तर पर चल रही सेमी-कंडक्टर्स की कमी और नए ओमिक्रॉन वायरस के आने से देश में कार की बिक्री में एक बार फिर रुकावट पैदा होगी और साल 2022 में इसका असर बना रहेगा। फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन्स (फ़ाडा) के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन मामले के बढ़ने से ऑटो सेल्स सामान्य रहेगा। साथ ही अगर चिप तैयार करने वाले देश में लॉकडाउन लगता है, तो इससे सावरी गाड़ियों की सप्लाई पर असर पड़ेगा। उम्मीद है, कि साल 2022 की दूसरी छमाही से मांग व सप्लाई दोनों में वृद्धि देखने को मिलेगी और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो वर्ष 2023 से ऑटो इंडस्ट्री पूरी तरह से पटरी पर लौटने में कामयाब रहेगी।’’
देश में ऑटो निर्माता सेमी-कंडक्टर्स की सप्लाई में सुधार लाने की पूरी कोशिश कर रही है। बाज़ार की स्थिति को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है, कि समय के साथ कार की बिक्री में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
अनुवाद- धीरज गिरी