- क़रीब 30 मॉडल्स की टेस्टिंग के लिए की गई मांग
- वीइकल्स को दी जाएगी अडल्ट और चाइल्ड सेफ़्टी रेटिंग
- इसकी प्रक्रिया ग्लोबल एनकैप की तरह ही होगी
ग्लोबल एनकैप के साथ मिलकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) ने भारत एनकैप (भारत न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम) की शुरुआत की है। इसे 1 अक्टूबर, 2023 से लागू किया जाएगा और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 197 के तहत टेस्ट किया जाएगा।
भारत एनकैप टेस्टिंग सिस्टम
एआईएस 197 के अनुसार सभी वीइकल्स को तीन बार क्रैश टेस्ट किया जाएगा।
आगे का इम्पैक्ट टेस्ट
ऑफ़सेट डिफ़ोरमेबल बैरियर फ्रन्टल इम्पैक्ट टेस्ट (ओडीबीएफ़आईटी) एक क्रैश टेस्ट है, जिसमें कार को 64 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पर चाइल्ड सेफ़्टी के लिए टेस्ट किया जाएगा। ड्राइवर के साथ पीछे की सीट पर 1.5 से तीन साल तक के दो डमी को रखा जाएगा।
साइड इम्पैक्ट और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट
इसे 50 किमी प्रति घंटे से 29 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पर टेस्ट किया जाएगा और इससे अडल्ट और चाइल्ड प्रोटेक्शन का भी पता चलेगा।
ग्लोबल एनकैप की तरह ही कार्स को अडल्ट और चाइल्ड ऑक्यूपेंट में एक स्टार से पांच स्टार तक की रेटिंग दी जाएगी।
भारत एनकैप की सबसे मुख्य जानकारी
भारत एनकैप के तहत गाड़ियों को टेस्ट करने के लिए कार निर्माताओं को केंद्रीय सरकार की एजेंसी में 70-A फ़ॉर्म को भरना पड़ेगा। यह एजेंसी वीइकल्स को स्टार रेटिंग देगी और समय समय पर इसे अपडेट किया जाएगा।
भारत एनकैप के तहत टेस्ट करने के लिए पात्र
एम1 श्रेणी में आने वाली गाड़ियों को इस क्रैश टेस्ट में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही वीइकल का वज़न 3,500 किलो (3.5 टन) या उससे कम होना चाहिए। इसमें से चुनिंदा वीइकल्स एंट्री-लेवल बेस वेरीएंट्स होंगे।
अनुवाद: विनय वाधवानी