किसी मॉडल की 43 लाख यूनिट्स बिक चुके हों, तो इन जादुई नंबर्स से ही हम समझ सकते हैं, कि यह मॉडल कितना चर्चित होगा। आज हम देश में 22 सालों से बाज़ार में अपनी धाक जमाए रखने वाली मारुति सुज़ुकी ऑल्टो के हालिया मॉडल को आपको क्यों ख़रीदना चाहिए, इसकी वजहें बताएंगे। साथ ही इसके ड्राइविंग अनुभव को भी साझा करेंगे।
ऑल्टो 800 से बड़ा इंजन
मारुति सुज़ुकी की मानें, तो हर दो में से एक ऑल्टो ख़रीदने वाले की यह पहली गाड़ी होती है। अब यह परिवार की पहली कार नए के-सीरीज़ 1-लीटर, तीन-सिलेंडर पेट्रोल इंजन में ऑफ़र की जा रही है। हार्टेक प्लेटफ़ॉर्म पर बेस्ड यह ड्युअल जेट, ड्युअल वीवीटी इंजन, जो 66bhp का पावर और 89Nm का टॉर्क जनरेट करती है।
लाखों यूनिट्स की बिक्री कर चुकी यह कार भारत की सबसे सस्ती कार तो नहीं है, क्योंकि इसका अपना पुराना मॉडल ऑल्टो 800 अब भी बाज़ार में इससे कम क़ीमत में मिल रही है।
यह मॉडल ऑल्टो 800 से बड़े इंजन और डाइमेंशन्स व फ़ीचर्स में थोड़ी बेहतर है। ऑल्टो K10 में मारुति का नया के-सीरीज़ इंजन है। इसमें 998cc का इंजन है, वहीं 800 जैसा कि नाम से ही पता लगता है, कि इसमें तक़रीबन 800cc का इंजन दिया गया है।
यह मॉडल पहले की ही तरह Std, LXi, VXi और VXi प्लस में मिलती है। फ़िलहाल, जैपनीज़ ऑटोमेकर ने इसका केवल पेट्रोल वर्ज़न पेश किया है। लेकिन जल्द ही इसका सीएनजी वर्ज़न भी बाज़ार में आ जाएगा।
इसमें आपको फ़ाइव-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और एजीएस का ऑपशन मिलता है। एजीएस दरअस्ल, ऑटोमैटिक गियरबॉक्स है, जिसे मारुति ऑटो गियर शिफ़्ट टेक्नोलॉजी कहती है। मैनुअल के मुक़ाबले ऑटोमैटिक के 50,000 रुपए तक ज़्यादा महंगी है। 2022 मारुति ऑल्टो K10 छह कलर ऑपशन्स में मिलती है, जिसमें सॉलिड वॉइट, सिल्की सिल्वर, ग्रेनाइट ग्रे, सिज़लिंग रेड, स्पीडी ब्लू और अर्थ गोल्ड शेड्स शामिल हैं।
वेरीएंट के अनुसार क़ीमत
Std | LXi | VXi | VXi प्लस | |
मैनुअल ट्रैंस्मिशन | 3.99 लाख रुपए | 4.89 लाख रुपए | 5.00 लाख रुपए | 5.34 लाख रुपए |
एएमटी | ❌ | ❌ | 5.50 लाख रुपए | 5.84 लाख रुपए |
इक्सटीरियर में शामिल हुआ हनीकोम्ब पैटर्न
इसके इक्सटीरियर में आपको कई छोटे-बड़े बदलाव मिलते हैं, जिसमें सबसे पहले नज़र इसके ग्रिल पर जाती है। इसमें हनीकोम्ब शेप का बड़ा-सा ग्रिल मिलता है। वैसे इसी हनीकोम्ब पैटर्न को मारुति ने गाड़ी में और कई जगह इस्तेमाल किया है। जैसे इसके हेडलैम्प्स व टेललैम्प्स, स्पीकर्स और वील कवर्स। (ऑल्टो 800) पहले वर्टिकल शेप के टेल लैम्प्स थे, तो उनकी जगह अब राउंड शेप के आ गए है। इसमें 13-इंच के वील्स मिलेंगे। आपको फ़ॉग लाइट्स इस मॉडल में नहीं मिलेगा।
इंटीरियर में जुड़ गया नया टचस्क्रीन सिस्टम
वहीं इसके इंटीरियर में डैशबोर्ड का डिज़ाइन नया है और इस बजट कार के अनुसार काफ़ी आकर्षक भी है। इसके अलावा इंफ़ोटेन्मेंट सिस्टम, एयरकॉन वेन्ट्स और नए स्टीयरिंग वील को मॉडर्न लुक देने के लिए एल्युमिनियम एक्सेंट्स का इस्तेमाल किया गया है।
इस नई ऑल्टो में विंडो स्विचेस को गियरबॉक्स की जगह डैशबोर्ड पर दिया गया है। इसमें सेंट्रल लॉकिंग तो दी गई है, लेकिन लॉक और अनलॉक का बटन नहीं मिलता, तो हर बार दरवाज़ा अंदर से खोलने के लिए दरवाज़े पर लगे नॉब का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इसमें हेडरेस्ट, स्टीयरिंग वील आपको किसी भी वेरीएंट में एड्जस्टेबल नहीं मिलते हैं।
इस नई ऑल्टो में सबसे दिलचस्प है, इसका 7-इंच का टचस्क्रीन सिस्टम और एम्बर शेड में डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर। वैसे टचस्क्रीन सिस्टम आपको केवल VXi+ में मिलता है। इस मॉडल में पहली बार कई ऑडियो मोड्स के साथ चार स्पीकर्स दिए जा रहे हैं। इसमें आपको यूएसबी चार्जिंग और ऑक्स पॉइंट्स VXi से मिलने लगते हैं। वहीं स्टीयरिंग पर ऑडियो और फ़ोन कंट्रोल केवल VXi+ में मिलता है। इसके Std को जो कि इसका बेस वेरीएंट है, छोड़कर बाक़ी सबमें आपको एसी और हीटर मिल जाता है।
क्या ऑल्टो पहले से हो गई लंबी-चौड़ी?
गाड़ी की रोड प्रेज़ेंस बहुत मायने रखने लगी है, इसलिए मारुति ने भी अपनी इस ऐंट्री लेवल कार के इस हिस्से पर ध्यान दिया है। ऑल्टो K10 की लंबाई-चौड़ाई पहले से कुछ मिलीमीटर बढ़ गई है।
पहले इसकी ऊंचाई 1475mm थी और अब 1520mm कर दी गई है। जिसके साथ यह अपने प्रतिद्वंदी रेनो क्विड से भी ऊंची हो गई है। ज़ाहिर-सी बात है, हाइट बढ़ने से अब गाड़ी में चढ़ने और उतरने में ज़्यादा सहुलियत होगी। इसकी लंबाई 3530mm, चौड़ाई 1490mm, वीलबेस 2380mm है, जो पहले से बढ़ गए हैं। वहीं इसका बूट स्पेस पहले से कुछ लीटर बढ़ कर 214 लीटर हो गया है।
वीलबेस के बढ़ने से यह पीछे थोड़ी ज़्यादा स्पेशियस लगने लगी है। वहीं इसका नॉन-एड्जस्टेबल हेडरेस्ट हमारे अनुसार 5 से साढ़े पांच फ़ीट के पैसेंजर के लिए तो सही है, लेकिन इससे लंबे लोगों के लिए हेडरेस्ट से कोई नेक और हेड सपोर्ट नहीं मिलेगा। यहां तक, कि रियर इम्पैक्ट में ये आपको विप्लैश नेक इंजरी से नहीं बचा पाएंगे।
नई ऑल्टो K10 | दूसरी-जनरेशन ऑल्टो K10 | रेनो क्विड | |
लंबाई | 3530mm | 3545mm | 3731mm |
चौड़ाई | 1490mm | 1490mm | 1579mm |
ऊंचाई | 1520mm | 1475mm | 1474mm |
वीलबेस | 2380mm | 2360mm | 2422mm |
बूटस्पेस यानी बूट में जगह | 214-लीटर | 177-लीटर | 279-लीटर |
सुरक्षा फ़ीचर्स
इस गाड़ी में स्टैंडर्ड तौर पर सेफ़्टी के लिए आपको 2 एयरबैग्स मिल जाते हैं। सीट बेल्ट वॉर्निंग भी मिलती है। पार्किंग सेंसर्स, एबीएस और ईबीडी मिलते हैं। वैसे इसे अब तक जीएनकैप में टेस्ट नहीं किया गया है। वहीं इसके टॉप वेरीएंट्स मेंआगे सीट बेल्ट प्री-टेंशनर व फ़ोर्स लिमिटर, सेंटर लॉकिंग और स्पीड सेंसिंग डोर लॉक्स टॉप मॉडल्स में मिलते हैं।
कितना देती है?
मारुति की यह गाड़ी अपनी फ़्यूल इफ़िशंसी और कम क़ीमत के लिए हमेशा से ही चर्चा में रही है। एआरएआई के आंकड़ों के अनुसार, इसका मैनुअल वर्ज़न 24.39 किमी प्रति लीटर और एएमटी वर्ज़न 24.90 किमी प्रति लीटर की फ़्यूल इफ़िशंसी देगी। हमें यक़ीन है, कि इन आंकड़ों में और रियल वर्ल्ड फ़ीगर्स में बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नहीं होगा।
अपने ही ब्रैंड से है टक्कर
इस हैचबैक को टक्कर देने के लिए वैसे तो बाज़ार में बहुत ज़्यादा मॉडल्स नहीं हैं। और हैं भी तो मारुति सुज़ुकी के अन्य मॉडल्स। सिलेरियो और एस-प्रेसो के अलावा इसके टॉप वेरीएंट्स को रेनो की क्विड से भी कम्पेयर किया जा सकता है।ऑल्टो 800 भी बाज़ार में इसके बग़ल में बिकती रहेगी, तो इसका मुक़ाबला अपने पुराने मॉडल से भी है। इसके प्रतिद्वंदियों को क़रीब से देखें, तो एस-प्रेसो, सिलेरियो में आपको वही इंजन और वही पावर आउटपुट्स मिलेंगे। वहीं क्विड में भी 1-लीटर इंजन ही मिलता है, लेकिन इसका पावर व टॉर्क थोड़ा ज़्यादा है। जहां एस-प्रेसो की स्टाइलिंग काफ़ी बॉक्सी है, वहीं सिलेरियो के कुछ ही वेरीएंट्स आपको ऑल्टो की क़ीमत में मिलते हैं। सिलेरियो में आइडल स्टार्ट-स्टॉप मिलता है। वैसे हो सकता है यह ज़्यादा मायने ना रखती हो बात, लेकिन इसके तीनों प्रतिद्वंदियों के मुक़ाबले इसका वील साइज़ एक इंच कम है।
क्यों ख़रीदें ऑल्टो K10 को?
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं, कि मारुति ने इस मॉडल के लुक्स और फ़ीचर्स पर काफ़ी काम किया है और वह भी इसकी कम क़ीमत को बरक़रार रखते हुए। हमें लगता है, कि इसमें कुछ और फ़ीचर्स जैसे अड्जस्टेबल स्टीयरिंग, ड्राइविंग सीट, हेडरेस्ट, टैकोमीटर, रियर पावर विंडोज़ और इलेक्ट्रिकली अड्जस्टेबल बॉडी कलर ओआरवीएम्स जोड़े जा सकते थे। लेकिन फिर भी इसकी क़ीमत और इसमें मिलने वाले फ़ीचर्स को देखें, तो नई ऑल्टो K10 एक आकर्षक ख़रीद बन सकती है। वहीं शहर की ट्रैफ़िक के लिए इसका ऑटोमैटिक वर्ज़न सही होगा। चार-स्पीकर वाले म्यूज़िक सिस्टम व टचस्क्रीन जैसे नए फ़ीचर्स के साथ यह बजट कार युवाओं को भी लुभाएगी।