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चार-पहिया की दुनिया में ये किफ़ायती हैचबैक्स ग्राहकों की पहली पसंद होते हैं। इस सेग्मेंट में टक्कर भी तगड़ी है, इसलिए गाड़ी की स्टाइलिंग और फ़ीचर्स दोनों बहुत मायने रखती है। लेकिन गाड़ी का इंटीरियर और कम्फ़र्ट किसी भी ग्राहक के लिए ख़रीदारी में निर्णायक भूमिका निभाता है। वजह साफ़ है, क्योंकि हम अपना ज़्यादातर वक़्त गाड़ी के अंदर ही गुज़ारते हैं। इसलिए हमने यहां मारुति सुज़ुकी एस-प्रेसो और रेनो क्विड इन दोनों गाड़ियों के इंटीरियर के माप की तुलना यहां कर बेहतर विकल्प चुनने में आपकी मदद कर रहे हैं।
केबिन स्पेस- सामने का हिस्सा
क्विड, एस-प्रेसो के मुक़ाबले लंबी और चौड़ी है, इसलिए ऐसा लगता है, कि यह अंदर से भी काफ़ी बड़ी होगी। लेकिन सच्चाई इससे कुछ अलग है। एस-प्रेसो का सामने का इंटीरियर बेहतर है। वैसे दोनों गाड़ियां एक जितनी ही अधिकतम लेगरूम 840mm का ऑफ़र करती हैं, वहीं क्विड का न्यूनतम लेगरूम बेहतर है। इससे पता चलता है, कि एस-प्रेसो का हेडरूम (950mm) ज़्यादा है।
दिलचस्प है, कि एस-प्रेसो, क्विड के मुक़ाबले पतली लगती है, लेकिन इसका शोल्डर रूम 1220mm के साथ क्विड के 1150mm से ज़्यादा है। यहां तक कि 590mm की ऊंची बैकरेस्ट के साथ एस-प्रेसो के फ्रंट सीट्स भी ज़्यादा सपोर्टिव हैं। क्विड में बैकरेस्ट की ऊंचाई इससे 40mm कम यानी 550mm है।
केबिन स्पेस-पीछे का हिस्सा
दोनों गाड़ी में पिछली सीट का आंकड़ा अगली सीट की तुलना में कुछ अलग है। एस-प्रेसो का लेगरूम और हेडरूम तो बेहतर है, लेकिन क्विड का सीटिंग कम्फ़र्ट ज़्यादा है।
क्विड का शोल्डर रूम 1170mm का है, वहीं सीट बेस की लंबाई और बैकरेस्ट की ऊंचाई एस-प्रेसो से बेहतर है। इस माप से क्विड की चौड़ाई बढ़ जाती है और इससे इसके सीट का कम्फ़र्ट भी बेहतर हो जाता है।
बूट स्पेस की क्षमता
क्विड का लंबा-चौड़ा होना, उसे एक बड़ा बूट स्पेस देता है। इस कार में 279-लीटर की क्षमता वाली डिग्गी है, तो वहीं मारुति सुज़ुकी एस-प्रेसो का बूट स्पेस 240-लीटर का है।
क्विड का बूट काफ़ी अच्छी तरह से डिज़ाइन किया हुआ है, जिससे वह एस-प्रेसो के मुक़ाबले लंबा व चौड़ा नज़र भी आता है।
निष्कर्ष
उपर्युक्त की गई तुलना से साफ़ पता चलता है, कि दोनों गाड़ियों का इंटीरियर स्पेस एकदम कड़ी टक्कर वाला है। बात जब फ्रंट सीट की है, तो कम्फ़र्ट और जगह के लिहाज़ से एस-प्रेसो ने बाजी मार ली है। वहीं क्विड ने पिछली सीट में बेहद कम मार्जिन से जीत हासिल की है। हमने दोनों गाड़ियों को चलाकर परखा है और बात अगर इंजन की करें, तो एस-प्रेसो चलाने में बेहतर कार है।