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परिचय
पिछली साल नवंबर में सिलेरियो को ड्राइव करते समय कुछ प्रश्न दिमाग़ में रह गए थे, जिसका जवाब सिलेरियो 1.2 ZXI प्लस एएमटी को ड्राइव करने के बाद मिला है। आइए जानते हैं, पांच कारण इसे ख़रीदने के और दो कारण ना ख़रीदने के:
कौन-सी हैं सकारात्मक बातें
1. शहर के लिए बेहतर
सिलेरियो ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के चलते ड्राइव करने के लिए आसान, चारों ओर अच्छी विज़िबिलिटी, अच्छे कंट्रोल्स, ट्रैफ़िक में आसनी से मैनेज होने और गाड़ी में आसानी से बाहर व अंदर आने-जाने के चलते शहर के लिए बेहतर नज़र आती है।
2. अच्छा है केबिन स्पेस
नई सिलेरियो पुराने मॉडल से लंबाई व चौड़ाई में बड़ी है, जिससे इसके अंदर ज़्यादा स्पेस मिलता है। पीछे दो यात्री बड़े आराम से बैठ सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर तीन यात्री भी आराम से यात्रा कर सकते हैं। इसका टेल रूफ़ भी ऊंचा है, जिससे लंबे यात्रियों को परेशानी नहीं होती। साथ ही बड़ी खिड़की घुटन महसूस नहीं होने देती। इसमें 313 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है।
3 इंजन परफ़ॉर्मेंस
सिलेरियो एएमटी में 1.0-लीटर का K10C तीन-सिलंडर नैचुरली-एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन दिया गया है, जिसकी मदद से बेहतर फ़्यूल इफ़िशंसी मिलती है। यह 66bhp का पावर और 89Nm का टॉर्क जनरेट करता है। यह आसनी से पांच यात्रियों के साथ 80-90 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती है। अपने बेहतर कंट्रोल्स के चलते यह शहर में हर दिन ड्राइविंग के लिए अनुकूल है। इसे और सुविधाजनक बनाने के लिए इसमें एएमटी का विकल्प दिया गया है।
4 फ़्यूल इफ़िशंसी
पुराने K10 इंजन की अपेक्षा इसमें हल्के पार्ट्स और दो फ़्यूल इंजेक्टर्स का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसमें मौजूद एग्ज़ॉस्ट से इमिशन को बेहतर तरीक़े से कंट्रोल करने में मदद मिलती है। वर्ज़न और गियरबॉक्स के आधार पर दावा है, कि सिलेरियो 26 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है।
सिलेरियो एएमटी को कारवाले द्वारा टेस्ट करने के बाद पता चला है, कि सिलेरियो शहर में 18.42 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है, वहीं हाइवे पर यह 23.18 किमी प्रति लीटर की फ़्यूल इफ़िशंसी देती है। कुल मिलाकर इसकी फ़्यूल इफ़िशंसी 20 किमी प्रति लीटर (19.61 किमी प्रति लीटर) के अंदर है, जो आज के अनुसार पांच-सीटर कॉम्पैक्ट हैचबैक्स के लिए काफ़ी बेहतर है।
5 सीएनजी का विकल्प
सिलेरियो का सीएनजी वर्ज़न इस साल जनवरी में पेश किया गया है, जो सिर्फ़ VXI वेरीएंट में उपलब्ध है। स्टैंडर्ड VXI और VXI सीएनजी की एक्स-शोरूम क़ीमत में 95,000 रुपए का अंतर है। इसमें स्टैंडर्ड तौर पर मैनुअल गियरबॉक्स को जोड़ा गया है। K10C इंजन की तुलना में सीएनजी 56bhp का पावर और 82nm का टॉर्क प्रोड्यूस करता है। आज की फ़्यूल क़ीमतों को देखते हुए यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
इस मॉडल में और क्या हो सकता था बेहतर
1 ज़्यादा महंगी है
पुरानी सिलेरियो की तुलना में नई सिलेरियो की क़ीमत 1.40 लाख रुपए महंगी है। इसके अलावा टियागो और सिलेरियो के टॉप वर्ज़न की तुलना में टियागो में प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स, एलईडी डीआरएल्स, फ़ॉलो मी होम लैम्प्स, दोहरे रंग के पेंट, कूल्ड ग्लव बॉक्स, वॉइस कमांड व चार अतिरिक्त स्पीकर्स और पीछे व्यू कैमरा जैसे ज़्यादा फ़ीचर्स ऑफ़र किए जा रहे हैं। टॉप वर्ज़न में टियागो XZ एएमटी, सिलेरियो के ZX+ एएमटी से किफ़ायती है।
2 एएमटी की कमी
इन दिनों शहरों के खचा-खच ट्रैफ़िक की वजह से एएमटी को चुनना ज़्यादा सुविधाजनक होगा। लेकिन सिलरियो को ड्राइव करने से पता चलता है, कि भीड़ में धीमे आगे बढ़ते हुए पहले और दूसरे गियर को लंबे समय तक होल्ड करना पड़ता है। स्पीड को कम करते समय महसूस होता है, कि अचानक डाउनशिफ़्ट गियर के चलते कॉग्स काम नहीं कर रहे हैं। ऊपर की तरफ़ जाते समय गियरबॉक्स को कंट्रोल करने के लिए मैनुअल मोड दिया गया है।
एएमटी की तुलना में मैनुअल ड्राइव को आरामदायक बनाता है। नए ग्राहकों को एएमटी में कोई दिक़्क़त महसूस नहीं होगी, लेकिन अनुभवी ग्राहकों को इसमें पांच-स्पीड मैनुअल की ज़रूरत पड़ेगी।
निष्कर्ष
नई जनरेशन मारुति सुज़ुकी सिलेरियो की एक्स-शोरूम क़ीमत 4.99 लाख रुपए से शुरू है और इसकी अधिकतम क़ीमत 6.94 लाख रुपए है। देश में इसकी टक्कर टाटा टियागो, वैगन आर और स्विफ़्ट व निओ के कुछ वर्ज़न से है। माइलेज, सीएनजी विकल्प और ऑटोमैटिक की सूविधा के चलते यह शहर के लिए बेहतर कार है। यह पहली बार ख़रीद रहे नए कार के ग्राहकों के लिए अच्छी है।
अनुवाद- धीरज गिरी