परिचय
आंकड़े बताते हैं, कि भारत में हर साल पांच लाख एक्सीडेंट होते हैं और हर दिन एक्सीडेंट से लगभग 400 मौतें होती हैं। इसे कम करने के ज़रूरी नियम तैयार किए जा रहे हैं। ब्रैंड्स अपनी गाड़ियों में कई महत्वपूर्ण सेफ़्टी फ़ीचर्स दे रहे हैं, जिससे की दुर्घटना कम-से-कम हो सके। सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने के साथ-साथ हमारी ख़ुद की भी यह ज़िम्मेदारी बनती है, कि हम कुछ बातों का ध्यान रखकरदुर्घटनाओं से बच सकें। इस लेख में दुर्घटना से बचने के लिए मूल बातों पर ध्यान दिया गया है, जो इस प्रकार है:
1) नींद में गाड़ी ना चलाएं
नींद में गाड़ी चलाना दुर्घटना को बुलावा देना है। गाड़ी को ड्राइव करते समय ध्यान रखना चाहिए, कि हमारी पलकें बार-बार ना झपके, जिससे की सामने से आते वाहन और सड़क पर हमारी पूरी नज़र बनी रहे। कभी-कभी कोई जानवर भी अचानक से सामने आ जाते हैं, ऐसे में हमें चौकन्ना रहना बहुत ज़रूरी है। इसके समाधान के लिए कई ब्रैंड्स ने अपनी चुनिंदा कार्स में ड्राइवर के नींद का पता लगाने वाला सुरक्षा फ़ीचर भी शामिल किया है।
2) गति पर हो नियंत्रण
कार चलाते समय गति पर नियंत्रण रखना ज़रूरी है। अनावश्यक स्पीड बढ़ाने से कार कंट्रोल से बाहर होकर किसी दूसरे वाहन या डिवाइडर से टकरा सकती है। गाड़ी को उतने ही स्पीड पर चलाएं, जितने पर आप चलाने में सक्षम हों। स्पीड को कंट्रोल करने के लिए गाड़ियों में स्पीड अलर्ट या क्रूज़ कंट्रोल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है। सार्वजनिक सड़क पर रेस लगाना भी घातक साबित हो सकता है।
3) लाइट्स का रखें ध्यान
रात में गाड़ी चलाते समय सबसे ज़रूरी बात हो जाती है, कि हमारी कार के लाइट्स यानी हेडलाइट्स, टेल लाइट्स और इंडिकेटर्स सही से काम कर रहे हैं या नहीं। अगर ये ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो इनकी मरम्मत ज़रूर कराएं, नहीं तो रात के समय दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
4) टायर का रखें ख़्याल
सुरक्षा के नज़रिए से टायर को भी समय-समय पर जांचना दुर्घटना से बचाव का एक महत्वपर्ण क़दम है। यह ग़ौर करना ज़रूरी है, कि टायर ज़्यादा पुराने, घिसे हुए व कटे-फट यानी टायर पर क्रैक्स ना हों। इस पर ध्यान ना देने पर ज़्यादा स्पीड में टायर फट सकते हैं और कार दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है। साथ ही, बरसात के मौसम में टायर्स के घिसे होने पर ट्रैक्शन कम हो सकता है। गाड़ी फिसल भी सकती है। कई बार पुराने घिसे हुए टायर्स की वजह से ब्रेक भी ठीक से नहीं लग पाता।
5) ब्रेक्स सही से काम कर रहे हैं या नहीं?
गाड़ी में यात्रा करने से पहले ब्रेक की जांच ज़रूर कर लें, कि यह ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। ब्रेक कार का अहम हिस्सा हैं। समय-समय पर इसे दुरुस्त कराना हमें दुर्घटना से बचा सकता है। सर्विसिंग के वक़्त ख़ासतौर पर ब्रेक को जांचने के लिए कहें।
6) नशे में ड्राइविंग ना करें
नशीले पदार्थों या शराब पीकर गाड़ी चलाना क़ानूनन जुर्म है। ऐसा करने से दुर्घटना के संयोग हमेशा बने रहते हैं। इससे ख़ुद के साथ-साथ दूसरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने कई दंड निर्धारित किए हैं।
7) मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल ना करें
हम अक्सर मोबाइल में इतना व्यस्त हो जाते हैं, कि समय का पता ही नहीं चलता, लेकिन यह ग़लती गाड़ी चलाते समय महंगी पड़ सकती है। इससे ड्राइविंग से ध्यान भटक सकता है और आप सामने किसी से टकरा सकते हैं। ज़रूरी होने पर ही मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करें।
8) टेक ओवर करते समय सतर्क रहें
अक्सर हमें कहीं पहुंने की जल्दी होती है। ऐसे में हम दूसरी गाड़ी से आगे जाने के लिए पास मांगते हैं। छोटी सड़कों पर ओवर टेक करते समय ध्यान देना चाहिए, कि सामने से दूसरी गाड़ी तो नहीं आ रही है। हाईवेज़ पर ओवर टेक करते समय इंडिकेटर ज़रूर दें। साथ ही, जगह होने पर ही गाड़ी को पास करें। बेवजह केवल दमखम दिखाने के लिए किसी गाड़ी के आगे जाने की कोशिश ना करें।